जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौका पर मिलाद शरीफ का आयोजन

धनबाद। झरिया। असलम अंसारी / जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौका पर असलम पत्रकार के यहां मिलाद शरीफ का आयोजन किया गया।। 12 वफात के मौका पर ईद मिलादुन्नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आने की खुशी में मिलाद उल नबी का आयोजन असलम पत्रकार के आवास बरारी में किया गया। इस मौके पर बरारी जामा मस्जिद के पेश इमाम हाफिज मुख्तार साहब ने अपने बयान में लोगों को खिताब करते हुए कहां है कि इस्लाम मजहब में हमारे हुजूर सबके लिए रहमत बनकर आए पूरे आलम की रहमत सभी के लिए रहमत बनकर आए उन्हीं से इस्लाम जिंदा होता है। इस मौके पर नायब इमाम हाफिज मेरा साहब ने हुजूर की आमद पर बेहतरीन अंदाज में नात पेश करते हुए लोगों को झुमा दिए। लोगों ने सुनकर अपने दिल में मोहम्मद साहब की आमद की खुशी में झूम उठे। उन्होंने कहा है कि आज इस्लाम मजहब में हमारे हुजूर सल्लल्लाहो वाले वसल्लम दुनिया में तशरीफ लाएं तो उन्होंने सारे आलम के लिए रहमत बनकर आए उन्होंने नेक और सभी को प्यार आप लोगों से प्यार किए जा जानवर से भी प्यार किए उन्होंने अच्छे पैगाम दिए और अपने पैगाम से इस्लाम मजहब में किसी की जोर-जबर्दस्ती करने का नाम नहीं है

पैगाम दिए और सभी को अच्छे पैगाम नवाजे आज उन्हीं का दिन है की नमाज रोजा और जितनी दिन की काम है उन्हीं का पैगाम से चल रहा है। इस मौके पर मदरसा मिलाते इस्लामिया के हाफिज वह कारी मोहम्मद यासीन साहब ने अपने ना बयान में हुजूर की आने पर खुशी जाहिर किए और उन्होंने अपने तकरीर में बताएं कि जितनी भी खुशी हुजूर के आने पर किया जा रहा है वह कम है हमारे नबी ने सारे दुनिया के लिए आलम बनकर आए उन्होंने लोगों से गुजारिश किया है कि इस मौके पर हमारे नबी की खुशी मनाएं और मिलाद शरीफ करें। इस मौके पर मोहम्मद अल्फाज राजा छोटा बच्चा अपने नात खा पेश करके स सभी को ज मन मोह लिया और लोगों ने झूम उठे। और सभी ने कहा हुजूर की आमद मरहबा। मोहम्मद ना होते तो कुछ भी ना होता ना जमी होती ना आसमा होता ना सितारे होती ना फलक होता हुजूर की आमद मरहबा। सभी भाइयों के लिए
दुआ की गई की अल्लाह ताला हम लोगों को गुनाह माफ करें और मोहम्मद साहब के बातों पर चलने के लिए टॉ ला ताला से दुआ की गई। और
याद रहे कि 12 वफात मंगलवार को मनाने का काम किया जाएगा।

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