समाज के सच्चे मार्गदर्शक थे प्रो. सी.एस. पाण्डेय –चाणक्य परिषद

प्रो.सी. एस पांडेय का निधन अपूर्णीय क्षति है–रामानुज पाण्डेय

बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता |

औरंगाबाद | औरंगाबाद के आई एम ए हॉल में सच्चिदानंद सिन्हा औरंगाबाद कॉलेज के रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष एवं पूर्व प्रभारी प्राचार्य के निधन पर आज प्रख्यात साहित्यकार एवं चाणक्य परिषद के संरक्षक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा जी के अध्यक्षता में श्रद्धांजलि समारोह सह शोक सभा का आयोजन किया गया जिसका संचालन चाणक्य परिषद के अध्यक्ष रामानुज पाण्डेय ने किया श्रद्धांजलि समारोह में सभी लोगों ने सर्वप्रथम स्वर्गीय प्रो सी एस की पाण्डेय जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया कर अपनी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया
सभा को संबोधित करते हुए मुख्य संरक्षक अवकाश प्राप्त अपर समाहर्ता भैरवनाथ पाठक जी ने कहा कि अचानक से उनका चले जाना हम सभी के लिए अत्यंत पीड़ादायि है उनकी कमी वर्षों तक पूरी नहीं की जा सकती है
प्रो रामाधार सिंह ने कहा शिक्षा से लेकर समाज तक हमने उनके साथ काम किया मेरे जीवन में उनके मुकाबले आज तक दूसरा कोई व्यक्तित्व ऐसा नहीं आया
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं वरीय अधिवक्ता रसिक बिहारी सिंह ने कहा मैं उनके साथ कई बड़े-बड़े समारोह में रहा हूं और मैं सदैव उनके विद्वता एवं उनके व्यवहार कुशलता का प्रशंसक रहा हूँ वे हमारे समाज के एक रत्न थे
ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह ने कहा वे विनम्रता और विद्वता की प्रतिमूर्ति थे।
प्रभात खबर के ब्यूरो चीफ और प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह ने कहा की पाण्डेय सर का असमय जाना इस जिले के बुद्धिजीवी वर्ग को मर्माहत करने वाला है इस जिले में उन्होंने हजारों प्रतिभाओं को निखारने का काम किया सामाजिक कार्यों में भी उनकी भागीदारी सदैव याद किया जाएगा
लखनऊ से चलकर आए बड़े प्रशासनिक अधिकारी अलख निरंजन मिश्रा ने कहा विराट हृदय के स्वामी थे उनके व्यवहार कुशलता ने बहुत लोगों को सगे भी बढ़कर अपना बना लिया यही कारण है कि आज जब श्रद्धांजलि समारोह के बारे में मैंने सुना तो मैं अपने को रोक नहीं पाया और सपरिवार आज यहां श्रद्धांजलि देने उपस्थित हूँ।
अध्यक्ष रामानुज पाण्डेय ने कहा चाणक्य परिषद उन्हीं का बोया हुआ बीज है जो आज अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को सफलता और निर्भीकता पूर्वक निर्वहन कर रहा है कोरोना काल हो जिसमें चाणक्य परिषद ने हजारों लोगों को उस भीषण आपदा में सत्तू और आमझोरा महीना तक देने का कार्य किया, अनेक गरीब मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता गरीब परिवारों को आर्थिक मदद यह सब कार्य लगातार चलता रहता है जिसमें उनकी बहुत बड़ी भूमिका रहती थी वह स्वयं निशुल्क विद्यार्थियों को शिक्षा दिया करते थे उनकी कमी सदैव रहेगी
डॉ शंभू शरण सिंह एवं हम के राष्ट्रीय महासचिव सुनील चौबे ने कहा की वह अपने जीवन में दृढ़ संकल्प और अनुशासन प्रिय थे हम सबों को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह एवं युवा भाजपा नेता प्रवीण सिंह ने कहा वे औरंगाबाद के एक रत्न थे और हम लोगों ने असमय एक बहुमूल्य रत्न को खो दिया उनके सुपुत्र शशिधर ने कहा हम सब ने उनसे बहुत सारी बातें सीखी लेकिन संसार में जीवन कैसे जीना है इसका पाठ हमने उनसे ही सीखा है उनकी कमी हमारे परिवार को सदैव रहेगी लेकिन उनकी दी हुई शिक्षा ही हमारे जीवन को आगे लेकर जाएगी
खादी के पूर्व अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा वे एक सच्चे शिक्षक थे वे छात्रों को मात्र विषय का ही ज्ञान नहीं देते थे बल्कि अच्छे संस्कार भी देते थे
साहित्य सम्मेलन के महा सचिव धनंजय जयपुरी ने कहा कि वे विज्ञान के प्रोफेसर अवश्य थे किन्तु हिंदी संस्कृत अंग्रेजी के भी प्रकांड विद्वान थे वेद के श्लोक तो उनके जिह्वा पर मानो तैरती थी
कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी तिवारी ने कहा कि हम लोग आज जिस संस्था को इस जिले में चला रहे हैं उसका बीजारोपण करने वाले प्रोफेसर चंद्र शेखर पाण्डेय थे आज लोग पद और प्रतिष्ठा के लिए लालायित रहते हैं लेकिन उन्होंने स्वयं आगे बढ़कर नई पीढ़ी को जहां अवसर दिया वहीं सदैव एक अभिभावक की तरह हम लोगों के साथ खड़े रहे
उनका अचानक चला जाना हम सबों के लिए बहुत बड़ा आघात है
इस कार्यक्रम में साहित्य सम्मेलन के महामंत्री धनंजय जयपुरी, भाजपा नेत्री सुमन, एलआईसी के विकास अधिकारी विकास जी ,संज्ञा समिति के अध्यक्ष आचार्य रविंद्र मिश्रा जी ,प्रोफेसर जयप्रकाश जी, भाजपा नेता अमरेंद्र पांडे ,रामानुज पांडे अवकाश प्राप्त शिक्षक राम जी चौबे, मदन मोहन झा, सतीश कुमार स्नेही, प्रोफेसर शिवपूजन बाबू, प्रोफेसर संतोष जी, मुकेश मिश्रा, विभांशु मिश्रा, रोशन मिश्रा, सुरेंद्र सिंह अन्य लोग मौजूद रहे।

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