आदिवासियों ने धूमधाम से मनाया दसाय पर्व आदिवासियों की अनूठी परंपरा है दसाय पर्व, दूर्गा पूजा की सप्तमी से होती है शुरुआत

कांड्रा / कांड्रा एवं आसपास के गांव में आदिवासी समुदाय ने दसाय पर्व मनाया. इस पर्व की शुरुआत दुर्गा पूजा के दिन से होती है और दशमी के दिन इस पर्व का अंतिम दिन होता है. इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोग गांव-गाव जाकर नाच-गान करते हैं.आदिवासी समुदाय के लोगों ने बताया कि दसाय पर्व की शुरुआत सप्तमी के दिन से ही होती है और विजयादशमी को इस पर्व का अंतिम दिन होता है. इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोग पूजा पंडाल और सभी जगह जाकर नाच-गान करते हैं और इस रूप में लोग खुश होकर इन्हें दान-दक्षिणा भी देते हैं. इस पर्व में कांड्रा पंचायत,डुमरा पंचायत,हुदू पंचायत एवं पश्चिमी बंगाल के बिरामडीह गाँव आमटांड़ से आये आदिवासी भाईयों ने पारम्परिक पोषाक पहनकर अपने हाथ में कांसे का कटोरा और मयूर का पंख लेकर आकर्षक और परम्परागत गीतों के साथ नृत्य करते हुए गुरु दक्षिणा देने के लिए लोगों से मकई व अन्य सामग्री संग्रह करते हैं। इस पर्व में प्रत्येक गांव के अलग-अलग दलों का एक सरदार होते हैं, जिनके नेतृत्व में नवयुवक सामग्री संग्रह करते हैं।

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