धनबाद / धनबाद प्रखंड अंतर्गत 200 सहिया को विगत 5 महीने सेना मानदेय नहीं मिला है। मानदेय के लिए हर दिन धनबाद प्रखंड से लेकर सिविल सर्जन कार्यालय तक चक्कर काट रहे हैं। मानदेय नहीं मिलने से नाराज सहिया स्वास्थ्य योजनाओं में भी सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही हैं। यही कारण है कि प्रखंड में बच्चों के नियमित टीकाकरण, मातृ एवं शिशु सुरक्षा योजना समेत कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। लेकिन विभागीय अधिकारी फंड नहीं होने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं।
दूसरे प्रखंडों का भी यही हाल
धनबाद प्रखंड के अलावा झरिया, बाघमारा और निरसा प्रखंड के भी अंतर्गत काम करने वाली सहिया को मानदेय नहीं मिला है। इसके साथ ही कई सहिया को काम से हटाया जा रहा है। इस संबंध में निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने पिछले दिनों उपायुक्त और सिविल सर्जन से मिलकर मानदेय देने की की मांग की थी। लेकिन इसके बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानदेय भुगतान नहीं किया जा सका है।
एक करोड़ आया है फंड, विभाग परेशान
आउटसोर्सिंग एनआरएचएम और गांव में काम कर रही सहिया साथी के लिए मुख्यालय से जो फंड आए हैं। उसे लेकर विभाग काफी परेशान हो गया है। सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर ने बताया कि विभाग की ओर से एक करोड़ रुपए आए हैं। पत्र में लिखा गया है। पहले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वेतन देना है। तदोपरांत एनआरएचएम के कर्मियों को वेतन देना है। फंड बचता है तो तदोपरांत सहिया को मानदेय देना है। लेकिन इतने फंड से सभी के वेतन नहीं दिया जा सकते हैं और आए दिन इसे लेकर हंगामा होने लगा है। इसकी सूचना विभाग को दी गई है।