आमजनों के लिए खोला गया बैंक मोड़ ओवरब्रिज, लोड टेस्टिंग में पास हुआ फ्लाईओवर

झारखण्ड धनबाद / विभिन्न जांचों में अच्छे संकेत मिलने के बाद बैंक मोड़ ओवरब्रिज को आज सुबह से आमजनों के लिए खोल दिया गया है. उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर की मध्यरात्रि से इस फ्लाईओवर पर आवागमन रोक दिया गया था. राज्य सरकार के आदेश व जिला प्रशासन की अनुमति से ओडीशा की सुबुद्धि एसोसियेट्स ने लोड टेस्टिंग व अन्य जांच किए.

लोड टेस्टिंग के बाद बैंक मोड़ फ्लाईओवर से पॉजिटिव परिणाम सामने आया है। फ्लाईओवर की स्थिति के बारे में जो आशंका थी, उससे विपरीत यह बेहतर स्थिति में है। इसकी मरम्मत होने से इसकी लाइफ और 25 साल तक बढ़ जाएगी। यह कहना है सुबुद्धि एसोसिएट के प्रोजेक्ट मैनेजर विद्याधर पांडा का। पांडा ने बताया कि फ्लाईओवर के सबसे कमजोर पिलर पर 100 टन का लोड रखने के बाद यह तीन मिलीमीटर झुका था। लोड हटाने के बाद रविवार संध्या तक 75% रीबैक कर लिया है। सोमवार सुबह तक इसमें और बढोत्तरी हुई है। फ्लाईओवर की स्थिति अच्छी है। इसकी मरम्मत हो जाने से लाइफ 25-30 साल और बढ़ सकती है। यदि मरम्मत नहीं की गई तो यह इसी स्थिति में 5-10 साल चल सकता है परंतु यह बहुत जोखिम भरा होगा। 
 नया फ्लाईओवर बनाने में लगभग 200 करोड़ का खर्च आएगा। जबकि इस ब्रिज के सभी बीयरिंग और एक्सपानसन जोइंट को बदलने, माइक्रो कांक्रीट ग्राफ्टिंग करने से 25 से 30 साल इसकी लाइफ बढ़ेगी। इसमें लगभग 10 करोड़ का खर्च आएगा। दिन-रात काम करके तीन से चार महीने में रिपेयरिंग काम पूरा कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अविभाजित बिहार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री नरसिंह बैठा ने इसका उद्घाटन 20 अगस्त 1972 को भारतीय स्वतंत्रता के रजत जयंती सप्ताह के शुभ अवसर पर किया था। मेसर्स अमर कंस्ट्रक्शन कंपनी तथा लाल सिंह एंड कंपनी को इसके निर्माण का ठेका मिला था। निर्माण के समय संतोष दास गुप्ता मुख्य अभियंता, तारादास घोष अधीक्षण अभियंता, द्वारिका सिंह कार्यपालक अभियंता, विधान चंद्र चौधरी सहायक अभियंता, श्यामाकांत झा व भगवान राम ओवरसीयर थे।

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