कतरास/ सिजुआ गेस्ट हाउस में मंगलवार को सिजुआ तेतुलमुड़ी बस्ती 22/12 के रैयत, बीसीसीएल के अधिकार व पुटकी अंचल अधिकारी सुब्रा रानी के साथ एक त्रिपक्षीय वार्ता की गई। जिसमें पुटकी अंचल अधिकारी सुब्रा रानी ने बीसीसीएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर सहदेव मांझी और सर्वे रिपोर्टर संजीव कुमार से काफी देर तक बात चीत की गई लेकिन कोई निष्कर्ष पर बात नही बनी। इसके बाद सीओ ने अधिकारों को कई आदेश दिए।और कई मुद्दों पर हुई चर्चा भी की गई। सीओ सुब्रा रानी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा है कि आज त्रिपक्षीय वार्ता की गई है।लेकिन बीसीसीएल की तरफ से जो प्रोजेक्ट ऑफिसर आये है वे कोई ऑथोरिटी के साथ नही आये थे। चुकी उन्हें खुद ही पता नही थी कि करना क्या है। हमलोगों को यही बताया गया कि रैयत को पूरी तरह से मुआवजा नही मिल रहा है। यदि उनके घर से काम चलता है तो उन्हें कुछ नही मिल पायेगा। जिसके लिए उन्होंने पुर्नवास और मुआवजा की मांग की थी। सीओ ने कहा है कि मुआवजा और पुर्नवास के लिए पहले जीएम से बात कर ले उसके बाद ही काम को आगे बढ़ाया जाय। जीएम से वार्ता होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। मैन तो रैयतों की और से बात प्रोजेक्ट ऑफिसर के समक्ष रख दिये है।यदि जीएम वार्ता के लिए खुद आये या ऐसे व्यक्ति को भेजे जो ऑथोरिटी के साथ हो तभी कुछ कह जा सकता है। इनके द्वारा हर बार यही कहा जा रहा है कि जीएम साहेब से बात करेंगे। जबतक जीएम से वार्ता नही होती है तबतक वेलोग पब्लिक की चीजो को इधर से उधर फेक रही है। वही जब बीसीसीएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर से बात की गई है तो उसने बताया कि ग्रमीण रैयतों की जो मांग है उसे हमलोगों ने डाटा बनाकर हेड आफिस को भेज दिया है। दो चार दिनों में ग्रामीण रैयती के साथ वार्ता कर कोई सकारात्मक पहल की जाएगी।वही ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हमलोगों को मुआवजा और पुर्नवास नही मिलेगा तबतक कंपनी को चलने नही दिया जाएगा। जब बीसीसीएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर को मालूम था कि आज वार्ता पुटकी अंचल अधिकारी के साथ कि जाएगी तो क्यों वेलोग कोई तैयारी कर के नही आई है बस वेलोग हमलोगों को दिग्भ्रमित कर रही है।