बिरनी/ गिरिडीह/सकलदेव पंडित) जिला मुख्यालय से 60 किलामीटर की दूरी पर रांची-दुमका मुख्यमार्ग स्थित बिरनी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। जब से यह अस्पताल की संचालन शुरू हुआ है तब से लगातार वेहतर प्रदर्शन करने को ले विभाग ने इस अस्पताल को दूसरी बार कायाकल्प अवार्ड देने का निर्णय लिया है। इसका श्रेह इस अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व चिकित्सा पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य कर्मियों को जाता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य कर्मियों के रात दिन मेहनत कर बिरनी अस्पताल को ऐसी जगह पर ला दिया है। जिस इस अस्पताल को देख हर कोई कहता है कि नया भवन कार्य पूर्ण भी नही हुआ है और न तो अबतक संवेदक विभाग् को हैंड ओभर भी नही किया है। संवेदक कार्य छोड़ चला भी गया है। यह बिरनी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नही लगता । पुराने भवन से नए अधूरे भवन में शिप्ट कर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अस्पताल की पूरी तस्वीर बदल दी है।
रंग लाई दो साल की मेहनत: पूर्व में बिरनी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुराने जर्जर व छह कमरे के भवन में जैसे तैसे संचालित होता था। पुराने भवन के ही बगल मे करोड़ो की लागत राशि से 30 बेड नया भवन बना। संवेदक ने भवन को आधा अधूरा कार्य छोड़ भाग गया। भवन का उपयोग नही होने से और खंडहर होता जा रहा था। अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश रंजन सिंह वर्ष 2015 में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बनते ही अस्पताल की कायाकल्प बदलने लगा। और नए भवन में अधूरे काम को करा कर वर्ष 2017में शिप्ट करा दिया। नए भवन में अस्पताल में न तो पानी की व्यवस्था थी, न तो शौचालय , न खिड़की में शीशे , रंग रोगन हुआ था। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राकेश रंजन सिंह नेअपने स्वास्थ्य कर्मियों को चुनौती के रूप में लेते हुवे नए भवन में शिप्ट करा दिया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी 2019 में रांची रिम्स के ड्रामा सेंटर में चले जाने के बाद प्रभारी चिकित्सा डॉ ताज उद्दीन बने है। आज धीरे धीरे असप्ताल में आने जाने वाले मरीजोको सारी सुविधाएं मिलती ही है। अधिकारियों को भी अस्पताल खूब भा रहा है। अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों काफी खुश नजर आ रहे है।
संस्थागत प्रसव में वृध्दि को दिया जाता नया वस्त्र: इस अस्पताल में इन दिनों संस्थागत प्रसव पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। पहले यह पर महीने में 30-40 संस्थागत प्रसव कराया जाते थे। वहीं अब ठीक हर महीने में 150-160हो गयाहै। यह अस्पताल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस अस्पताल में एक नई चीज की शुरुवात की है। यहां शिशुओं के जन्म पर उसे नए वस्त्र प्रदान किये जाते है। जिसे बेबी किट के नाम दिया गया है। इस परंपरा से घर वाले भी खुश होते है। इस अस्पताल की कार्यसंस्कृतिकी सभी प्रशंसा करते है।
सुंदर बागवानी , मरीजो वार्ड की व्यवस्था दुरुस्त: अस्पताल परिसर लगाए गया बागवानी, मरीजो के वार्ड, शौचालय पार्किंग आदि की व्यवस्था दुरुस्त की गई है। अस्पताल घूंसे ही वाहन व साइकिल रखने केलिय पार्किंग व सुंदर बागवानी में रंग बिरंग के फूल से सजा हुआ से मरीज व अन्य लोगो की मनमोहक हो जाते है। अस्पताल के अंदर सभी वार्डो व कमरों में व अस्पताल के बाहर दरवाजे पर खूबसूरत तरीकेसे समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनी लिखा हुआ है। अंदर वार्ड में सुविधा से लैस रखा गया है। पृरे अस्पताल के अंदर व बाहर तीसरी नजर सीसीटीवी कैमरे से होते है। और यह भी लगा हुआ है।
उपायुक्त ने की है अस्पताल की तारीफ : गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने दो माह पूर्व कोरोना वायरस से बचाव व व्यवस्था को देखने के लिए औचक निरीक्षण किया था। अस्पताल की विधि व्यवस्था को देखकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व चिकित्सा पदाधिकारी तथा स्वस्थय कर्मियों की कार्य शैली देख कर काफी तारीफ किया था। उसके पहले भी उन्होंने अस्पताल की स्वच्छता व सुंदरता की तारीफ इसके पहले भी ट्विटर पर भी साझा भी की थी।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेखमुहम्मद ताज उद्दीन बिरनी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चयन कायाकल्प अवार्ड के लिए दूसरी बार किया गया है। इसकी सूचना सिविल सर्जन ने बधाई देते हुवे मुझे दी है। अस्पताल को उस लायक बनाने में बिरनी अस्पताल के सभीस्वस्थ्य कर्मीयओं , पदाधिकारी का योगदान है। सभी का पूरा का पूरा सहयोग मिला है। अस्पताल में मरीजो की हर तरह की सुविधा मिल रही है। जिला सिविल सर्जन व अन्य अधिकारियों के दिशा निर्देश लेकर में अस्पताल की और भी बची खामियों को दूर करने की प्रयास कर रहा हूँ। सिविल सर्जन ने हर सम्भव सहयोग का भरोसा दिया है। पहली बार 2019 -2020 व दूसरी बार 2020-21 में कायाकल्प अवार्ड के लिए चयन हुआ है।इसी तरह आम जनता व जनप्रतिनिधियों तथा विभाग के पदाधिकारियों से सहयोग मिलता रहेगा तो पुनः 2021-22 के लिए भी यह अस्पताल कायाकल्प अवार्ड के लिए चयन होगा। मप्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेखमुहम्मद ताज उद्दीन