मेंटेनेंस के अभाव पर खरसावां का चिल्ड्रन पार्क अपना अस्तित्व खोने की कगार पर

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सरायकेला / वित्तीय वर्ष 2005-06 में चिल्ड्रेन पार्क अर्जुना वाटिका का निर्माण नगर विभाग की ओर से खरसावां अधिसूचित क्षेत्र समिति के माध्यम से बनाया गया था, जबकि उद्धाटन एक अक्तूबर 2006 को हुआ था.बच्चों के मनोरंजन के लिये सभी प्रकार के झूला, सिटींग बैंच, मिनी चबुतरा, फब्बारा समेत कई तरह के खेल उपकरण यहां लगाए गए थे। चिल्ड्रेन पार्क के देख-रेख का जिम्मा खरसावां एनएसी करती थी. 2009 में खरसावां एनएसी को डिनोटीफाई कर पंचायत में तब्दील कर दिया गया. खरसावां एनएसी को डिनोटीफाई करने के बाद किसी भी विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. रख रखाव के लिये सरकारी स्तर पर अब तक इसके लिये कोई आवंटन नहीं मिला है।फलस्वरूप बच्चों के मनोरंजन के लिये लगाये गये सभी प्रकार के झूला, सिटींग बैंच, मिनी चबुतरा, फुब्बारा समेत सभी तरह के खेल उपकरण नष्ट हो गये है।मेंटेनेंस के अभाव में यह पार्क अब नष्ट होने की कगार पर पहुंच गयी है.

स्थानीय लोगों ने क्षेत्र की औद्योगिक इकाईयों से सीएसआर के तहत चिल्ड्रेन पार्क अर्जुना वाटिका के जीर्णोद्धार करने की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी एक बार सेसा गोवा नामक कंपनी ने इस पार्क का जीर्णोद्धार किया था. क्षेत्र की श्री झारखंड सीमेंट कंपनी से स्थानीय लोगों ने इसके जीर्णोद्धार करने की मांग की है.

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