सरायकेला / सरायकेला वार्ड नंबर 10 स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र में मां मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती का 56 वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया। मौके पर मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की तस्वीर के समक्ष मुख्य अतिथि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज भाई एवं सभी भाई-बहन ने दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दिया।
मौके पर मुख्य अतिथि मनोज भाई द्वारा प्रजापति ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित क्रियाकलापों की प्रशंसा की उन्होंने केंद्र संचालक बीके पूनम बहन और अन्य को सरायकेला जैसे छोटे शहर में सीमित संसाधन के बावजूद केंद्र का संचालन के लिए धन्यवाद दिया श्री चौधरी ने कहा मैं पिछले कई वर्षों से इस संस्था से जुड़ा हुआ बाबा की मुरली से आत्मिक शांति मिलती है मौके पर बीके पूनम बहन ने कहा कि मम्मा सर्व गुणों की खान और मानवीय मूल्यों की विशेषताओं से सम्पन्न थीं। मम्मा बहुत कम बोलती थीं और दूसरों को भी कम बोलने का इशारा करती थी। अधिक बोलने से हमारी शक्ति नष्ट हो जाती है, ऐसा मम्मा का कहना था। इस प्रकार अपने ज्ञान, योग, पवित्रता के बल से विश्व की सेवा करते हुए मम्मा-सरस्वती ने 1965 में इसी दिन अंतिम सांस ली। उनकी जीवनगाथा पर प्रकाश डालते हुए बीके रीना बहन ने कहा कि जब-जब संसार में दिव्यता की कमी, धर्म की ग्लानि, समाज में अन्याय, अत्याचार, चरित्र में गिरावट व विश्व में अशांति के बीज पनपने लगते हैं, तब-तब इन समस्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए किसी महान विभूति का जन्म होता है। इन्हीं में से एक महान विभूति थी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) इसका बचपन का नाम राधे था। इस कार्यक्रम में शामिल कृष्णा भाई, अमलेश भाई, विक्की भाई, अमित भाई, सरस्वती बहन, मुन्नी बहन, ज्योतिषना बहन आदि समस्त बी.के भाई बहनो ने मम्मा को पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।