गम्हरिया। कांड्रा में पेयजलापूर्ति योजना का संचालन अब पंचायत समिति के जिम्मे होगा। पेयजल एवं स्वच्छ्ता विभाग के ठेकेदार द्वारा दो वर्षों तक संचालन के पश्चात पंचायत को संचालन की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद कांड्रा पंचायत सचिवालय में आननफानन में बैठक कर सर्व समिति से कांड्रा- रघुनाथपुर जलापूर्ति संचालन समिति का गठन किया गया। इस संचालन समिति में अध्यक्ष कांड्रा की मुखिया शंकरी देवी और कोषाध्यक्ष कांड्रा जल सहिया सरस्वती महतो बनाया गया।
लाल बाबू बने उपाध्यक्ष
उपाध्यक्ष के पद पर लालबाबू महतो, सचिव राम महतो, सह सचिव अनिल सिंह, मुख्य संरक्षक जिला परिषद सदस्य सुधीर चंद्र महतो, पंचायत समिति सदस्य होनी सिंह मुंडा, कांड्रा ग्राम प्रधान सुरेश महतो, संरक्षक के रूप में पूर्व उप प्रमुख मनोज महतो, डॉक्टर योगेंद्र प्रसाद, गौरी शंकर सिंह, देवाशीष महतो, मन्नू साहू, रंजीत मोदक, धर्मेंद्र गोराई, सरोज महतो, वीरू घटवारी को बनाया गया।
70 रुपये प्रति उपभोक्ता मासिक चार्ज
जुलाई माह से प्रति उपभोक्ता कनेक्शन 70 रुपये निर्धारित किया गया है। 3 महीना का भुगतान एक साथ करना है। मासिक कलेक्शन की जिम्मेदारी जलसहिया सरस्वती महतो को दी गई है। माह के प्रथम सप्ताह में कांड्रा पंचायत सचिवालय के कार्यालय में जमा करने का निर्णय लिया गया है। वही रघुनाथपुर ,रतनपुर और रायपुर जल सहिया कलेक्शन की जिम्मेदारी दी गई है । जो उपभोक्ता 3 महीने तक अपना रुपया जमा नहीं करने पर उसका पेयजल कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाएगा। समिति की बैठक हर माह के प्रथम सप्ताह के रविवार को रखने का निर्णय लिया है।
समिति के गठन का भारी विरोध
इधर स्थानीय कई लोगों ने समिति गठन का भारी विरोध किया है। बिना किसी पूर्व सूचना के आनन-फानन में कमेटी गठन के लिए बैठक आयोजित करने पर भी स्थानीय लोगों ने रोष प्रकट किया है। इसमें सिर्फ कांड्रा पंचायत के ही जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों को संचालन समिति में स्थान दिया गया है।। जबकि दूसरी पंचायत डुमरा से किसी भी सदस्य को संचालन समिति में नहीं रखा गया I इसके कारण नामित सदस्यों के चयन में पारदर्शिता नहीं झलक रही है I कांग्रेस नेता प्रकाश कुमार राजू ने डीसी से शिकायत करने का निर्णय लिया है।
अधूरे कार्य करने का आरोप
स्थानीय लोगों के अनुसार अभी तक सभी क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने का काम पूर्ण नहीं किया गया है। केवल कांड्रा पंचायत में ही भट्टी गली, मुख्य बाजार, एसकेजी कॉलनी, काली पहाड़ी, लाह कोठी, चपरासी लाइन आदि अनेकों ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पाइप बिछाने का ही काम नहीं किया गया। इसके कारण इन क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी इस योजना का लाभ लेने से वंचित है I ऐसे में बिना कार्य पूर्ण किए ठेकेदार द्वारा योजना के संचालन की जिम्मेवारी हैंड ओवर किए जाने से लोगों में नाराजगी है I