कोरोना के कहर पर आस्था भारी, सुहागिनों ने मनाया वट सावित्री व्रत:: पूजा करने सपत्नीक पहुंचे खरसावां बीडीओ

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रति रंजन
सरायकेला प्रतिनिधि

सरायकेला / आज खरसावां,गितिलता,बडाबम्बो,चिलकु,सिमला,बुरुडीह,हारिभंजाआमदा,समेत आस पास के इलाकों ने सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री (बरगदाही अमावस) का व्रत रखकर पवित्र आस्था एवं सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की। आज खरसावां शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आम से लेकर खास तक सभी वर्ग के सुहागिन महिलाओं ने बरगद के पेड़ पर धागा बांधकर विधिवत पूजा की। इसी क्रम में खरसावां बीडीओ की धर्मपत्नी भी वट सावित्री की पूजा अर्चना के लिए अपने परिवार समेत वट वृक्ष पुजा स्थल पर पहुंची एवं सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना की।इस मौके पर बीडीओ मुकेश मछुआ सपत्नीक नज़र आये एवं क्षेत्र की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। साथ ही प्रखंड के विभिन गांव में वट सावित्री की पूजा अर्चना की गई।आज सुहगिनों के लिये विशेष दिन है।सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रख कर सावित्री, सत्यवान, यमराज के साथ वट वृक्ष की पूजा की । इस दौरान महिलाओं में कोरोना संक्रमण के प्रति भय , चिंता नहीं देखी गई बल्कि कोरोना काल पर आस्था और विश्वाश भारी पड़ा।महिलाओं द्वारा वट वृक्ष पर पूजा किया गया क्योंकि इस व्रत में वट वृक्ष को काफी महत्व दिया गया है. वट वृक्ष के मूल में ब्रम्हा, मध्य में विष्णु और अग्र भाग में शिव का वास माना गया है. देवी सावित्री भी इस वृक्ष में निवास करती हैं. इसलिए वट सावित्री व्रत पर आज महिलाओं ने वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा की और कच्चा सूत लपेटी. इसके बाद सभी बैठकर सावित्री की कथा सुनी एवं अपने पति की मंगलकामना के साथ लंबी आयु की प्रार्थना की। ऐसा कहा जाता है कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और पति के संकट दूर होते हैं।

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