निरसा | गुरुवार को निरसा काली मंदिर प्रांगण में झारखंड बंगाल भाषा उन्नयन समिति की ओर से निरसा विधानसभा अध्यक्ष बबलू दास के अध्यक्षता में बैठक हुआ ।
बैठक में सभी वक्ताओं ने धनबाद जिला प्रशासन से मांग करती है निरसा विधानसभा में 90% यहां के लोगों का भाषा बांग्ला भाषा है और यहां तमाम विद्यालय में आदिकाल से बंगाल में ही पठान-पठान होता है वर्तमान झारखंड अलग राज बनने के बाद एक साजिश के तहत बांग्ला भाषा को लुप्त किया जा रहा है |
वर्तमान सरकार ने निर्देश दिया कि 33000 शिक्षक बहाली में झारखंड के सभी विद्यालय में पठान-पठान हेतु शिक्षक नियुक्ति किया जाएगा लेकिन धनबाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने जो सर्वे बनाए हैं उसमें बंगाल की जगह खोरठा भाषा को शामिल किया गया है वर्तमान में निरसा क्षेत्र में खोरठा भाषा लगभग शून्य के बराबरी है फिर भी यहां क्यों बांगला की जगह खोरठा को शामिल किया गया है |
हम लोग कभी भी किसी भाषा के विरोध हम लोग नहीं करते हैं लेकिन हमारे भाषा को अगर लुप्त करने का साजिश किया जाएगा और बांग्ला भाषा के लोग चुपचाप नहीं बैठने वाले हैं अपने मौलिक अधिकार छात्र-छात्राओं का भविष्य को देखते हुए हम इस आंदोलन को तीव्र गति से आगे ले जाएंगे ।
आज के बैठक में संस्थापक वेगु ठाकुर , विवेक मोदक, पार्थो सेनगुप्ता , मनोज मंडल , संजीव माझी , असित गराई , बबलू बावड़ी , अमोल बावड़ी, , काजल पाल , ललित गराई , अमल दे , चन्दना तिवारी , सुवल तिवारी , रोमा मुखर्जी ,अमल दे , वरुण चौधरी इत्यादि उपस्थित थे