झरिया | लोदना स्थित यमुना सहाय स्मृति भवन के प्रांगण में कामरेड यमुना सहाय पुण्यतिथि के अवसर पर संकल्प सभा का आयोजन हर वर्ष की भांति किया गया जिसकी अध्यक्षता कामरेड आनंद महतो ने की तथा मंच का संचालन का० शिवक पासवान ने किया वक्ताओं ने सहाय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में काफी चर्चाएं की कोयला आंचल की धरती पर उनका आगमन 1962 में हुई।
और यहां मजदूर और किसानों के संगठन का निर्माण किया। और निजी कंपनियों के मजदूरों के शोषण के खिलाफ मजदूरों को एकताबद्ध करने के लिए लगातार संघर्षशील रहे। और आंदोलन भी किया।
कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी और आजीवन मार्क्सवाद के प्रति प्रतिबद्ध रहे वर्तमान राजनीतिक परिवेश में आज यमुना सहाय की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। यमुना सहाय चरित्र और आचरण का एक ईमानदार उदाहरण है। जो केवल मार्क्सवादी विचारों से ही अपने विचारों का प्रचार करते थे।
और संघटनात्मक कार्यक्रम आंदोलन संघर्ष किया करते थे। वह कहा करते थे एक नई दुनिया संभव है हमें कोशिश में लगा रहना चाहिए।
कार्यक्रम में CPI(M), केंद्रीय नेता कामरेड गोपीकांत बक्शी मुख्य वक्ता उपस्थित थे। कामरेड रामकृष्ण पासवान, बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के नेता आनंद महिपाल, प्रहलाद महतो, का० सुरेश प्रसाद गुप्ता, दिलीप चक्रवर्ती, नारायण चक्रवर्ती, शिवकुमार सिंह, भगवान दास, नौशाद अंसारी, सुरेंद्र पासवान, कुंदन पासवान, मनोज पासवान, मैं कार्यक्रम को संबोधित किया और हजार साथी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।