कृषि के क्षेत्र में भी रोजगार तलाशने की जरूरत- ओझा

सरिया (गिरिडीह) शुक्रवार को सरिया में नेहरू युवा केंद्र युवा मामले एवं खेलकूद मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर रहे गोपाल चंद्र ओझा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत आबादी के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन चुका है। जिसमें युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है। युवाओं के लिए बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है। मानव संसाधन को प्रशिक्षण दिला कर बेरोजगारी की समस्या को हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भले भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है। देश इन मानव संसाधनों का सही सदुपयोग कर विश्व शक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इन दिनों रोजगार के भी नए-नए क्षेत्र व अवसर खुल रहे हैं। सरकार को भी युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए नई नीति बनाने व प्रशिक्षण दिलाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने भविष्य को लेकर सकारात्मक विचार रखें तथा अपनी सफलता के लिए शॉर्टकट फार्मूला को ना अपनाएं। सतत मेहनत के बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल करे।
भारत एक कृषि प्रधान देश है और अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर है। ऐसी परिस्थिति में कृषि के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर ढूंढने की जरूरत है। इससे गांवो में रोजगार व स्वरोजगार के अवसर बढ़ाएंगे।
भारत जी-20 देशो की अध्यक्षता कर रहा है। ऐसी स्थिति में युवाओं को अवसर प्रदान करने तथा वैश्विक मुद्दों पर विश्व का ध्यान आकृष्ट कराने में अहम भूमिका निभा सकता है। ओझा ने कहा कि आज के दौर में क्लाइमेट चेंज एक गंभीर समस्या है । इन समस्या का हल बगैर युवाओं के सहयोग के बिना संभव नहीं है। प्रेस वार्ता में दौरान सरिया कॉलेज के सहायक अध्यापक प्रो अरुण कुमार, नारी उत्थान मंच के सचिव किरण वर्मा, निरंजन कुमार, सुधीर कुमार वर्मा, अंजली कुमारी आदि उपस्थित थे।

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