निचितपुर: वर्तमान सरकार के मजदूर विरोधी नीति व कोल इंडिया के लचर व्यवस्था को लेकर गुरूवार को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन समर्थकों ने तेतुलमारी सिजुआ क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। यूनियन के महामंत्री ए के झा ने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार अब कोल कर्मियों व किसानों की मिलनेवाली सुविधा को धीरे धीरे छीन रही है। ग्यारहवीं वेतन समझौता लागू कर उसमे मामूली रूप से फायदा दिया है, पुर्व की सरकार के कार्यकाल में ऐसा नहीं होता था। राष्ट्रीयकरण के बाद लाखों लोगों को रोजगार मिला है। लेकिन वर्तमान की सरकार मिलने वाली सुविधा को धीरे-धीरे छीनने लगी है।
ए के झा ने कहा कि 9 वां वेजबोर्ड में 34 फीसदी बढ़ोतरी का फायदा मिला था। 10 वां वेजबोर्ड में मजदूरों से उतना लाभ नही मिला। और 11 वां वेजबोर्ड मजदूर विरोधी रहा है। आज जिस दर से महंगाई बढ़ी है। उस दर से भी वेजबोर्ड में बढ़ोतरी होनी चाहिए। अभी 35 हजार कोल कर्मी बचे हैं। अगर उन्हें भी ढंग से जीवन यापन की सुविधा नही दे सकते तो यह दुर्भाग्य की बात है। ए के झा ने नये बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों के हाथ मे झुनझुना थमा दिया है। लोक जनकल्याण की भावना से जिस तरह जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बजट होती थी उसे खत्म कर दिया आज आम आदमी के हाथ खाली है।
धरना के बाद यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने बीस सूत्री मांग पत्र कतरास व सिजुआ जीएम को सौंपा। उनकी मांगों में कोल कर्मियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, जर्जर आवासों की मरम्मती, तथा कोल कर्मियो को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना आदि मांग शामिल है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रामप्रीत यादव व रामचंद्र पासवान व संचालन शकील अहमद ने किया। मौके पर नरेंद्र कुमार राय, सदेश चौहान, सत्यनारायण चौहान, गोपाल सिंह, रवि चौबे, विजय बनर्जी, अशोक चौहान, राकेश सिंह, रणधीर सिंह, हेमंत चौहान आदि शामिल थे।