देश के लोगो स्वतंत्रता सेनानियों को गए हैं भूल उनकी प्रतिमाओं पर जम रहे हैं धूल

संवाददाता। मधुकांत सहाय|

धनबाद/निरसा। सन 1952 के फिल्म जागृति का वह गाना जिसे कवि प्रदीप ने लिखे थे  “हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल कर इस देश को रखना बच्चों संभाल के,तुम्ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के इस देश को रखना बच्चों संभाल के इस गाने के पंक्तियां आज देश के लोग भूलता चला जा रहे हैं आज देश आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मनाने जा रहा है जिसे लेकर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में हर घर तिरंगा  लगाने के लिए लोगों से आह्वान किए हैं ताकी हमारे नई पीढ़ियों को स्वतंत्रता के बारे में जानकारी मिले कि हमारे देश में स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर  हमें यह आजादी दिलाई है परंतु आज स्वतंत्रता सेनानियों की लोग भूलते  चले जा रहे हैं, आज भी आपके क्षेत्र के आस पास कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों का प्रतिमा चौक चौराहों पर देखने को मिल जाएगा परंतु रखरखाव में घोर कमी देखी जाती है महज स्वतंत्रता  दिवस एवं गणतंत्र दिवस के मौको पर ही उन शहीदों को याद किए जाते हैं, आम दिनों में उन प्रतिमाओं में धूल जमी रहती हैं आस पास के क्षेत्रों में भी साफ सफाई को घोर कमी देखी जाती हैं अब सवाल यह उठता हैं कि क्या स्वतंत्रता सेनानियों का यही सम्मान है जिन्हों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई हैं।निरसा चिरकुंडा क्षेत्रो में कई चौक चौराहों पर ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानियों का प्रतिमा लगी हुई है जहां रखरखाव के अभाव में प्रतिमाओं पर धूल जम रही है क्षेत्र के तमाम नागरिक नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अपील करता हूं कि अपने आसपास चौक चौराहों पर लगे प्रतिमाओं पर विशेष साफ सफाई और ध्यान रखें आने वाली युवा पीढ़ी को उन शहीदों की गाथा सुनाएं जिनके बलिदानों से आज हम स्वतंत्र भारत के नागरिक कहलाते हैं और आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मनाने जा रहे हैं।

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