झारखण्ड सिंदरी / मेरा जीवन ही मेरा संदेश है:-महात्मा गांधी भारतेन्दु परिषद सिन्दरी के तत्वावधान मे भरत जी के आश्रम मे आयोजित २अक्टूबर के इस कार्यक्रम मे भारत के दो महान महानायक का जन्म दिन मनाया गया।भारत के दो सपूतों का पदार्पण अलग-अलग समय और अलग-अलग परिस्थितियों मे हुआ।भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने वाले एक मोहनदास दास करमचंद गांधी हैं तथा दुसरे हैं कठिन समय में भारत का बागडोर संभालने वाले लाल बहादुर शास्त्री।गांधी जी सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी ही नही बल्कि जीवन के आदर्शों को प्रोत्साहित करने वाले लोगों मे एक है। इसलिए उन्होंने कहा कि”मेरा जीवन ही मेरा संदेश है” बिषम परिस्थिति में प्रधानमंत्री का पद ग्रहण कर देश को उभारने का जो काम किये, उनका नाम है लाल बहादुर शास्त्री। शास्त्री जी सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धान्त पर अमल करने वाले व्यक्तिव थे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मे बुद्धिजीवी जनकल्याण मंच के सचिव सुरेश प्रसाद जी ने कहा कि “दोनों महानायकों के पद चिन्हों पर चलकर ही हम देश के साथ स्वयम का विकास कर सकते हैं।”कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ एन के सिंह ने कहा कि “गांधी जी अहिंसा और शास्त्री जी कर्मठता और इमानदारी का जो रास्ता बताये हैं, उसका अनुसरण करना चाहिए”।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से भरत प्रसाद, उषा देवी, सुदर्शन जी, गोपाल जी, सुरेन्द्र साह, किशोरी किशोरी लाल, सिध्देश्वर राय और संतोष जी मुख्य रूप से शामिल रहें।