रांची। स्वास्थ्य विभाग के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सहियाओं को ट्रेनिंग व सहियाओं के साथ मिलकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कराने व रिपोर्ट बनाने वाले बीटीटी (ब्लॉक ट्रेनर टीम) प्रखंड प्रशिक्षक दल को अप्रेल (विभागीय परीक्षा) लेकर छंटनी करने की तैयारी में है। जिस तरह भाजपा की रघुवर सरकार में पारा शिक्षक परेशान थे. ठीक उसी तरह हेमंत सरकार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों के नीति से राज्य भर के बीटीटी समूह परेशान है. 30 दिन विभागीय कार्य करने के बाद इन्हें 20 दिन का 8 हजार का मानदेय मिलता है. उपर से अब इन्हें जिला से बाहर स्थानान्तरित किया गया, इसमें अधिकांश महिला बीटीटी है। महिलाओं को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थानांतरण किया गया है। जिससे पूरे राज्य भर के बीटीटी सकते में आ गये है। बीटीटी का समूह बीते दो दिन से रांची स्थित स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले में बुधवार को निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के अगुवाई में मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर स्थानांतरण पर रोक लगाने की मांग की, जिस पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने जल्द मामले सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया। पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने पत्रकारों को बताया कि सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी ने बीटीटी की समस्या को लेकर चिंतित है. जल्द कुछ समाधान निकलेगा. बताते चले कि बीटीटी एवं सहियाओं की समस्याओं को लेकर निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी लगातार लगे हुए है. उनका प्रयास है कि सभी बीटीटी अपने अपने मूल प्रखंड में ही कार्य करें.