सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच टीम के सामने सहियाओं ने मचाया तांडव, गालियों की बौछार के साथ बीएएम को दौड़ाया

गम्हरिया।
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कर रहे स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने दो गुटों में बटी सहियाओं में एक गुट ने जमकर बवाल मचाया। गलियों की बौछार के साथ कई सहियाओं ने अस्पताल के संविधान की सारी बाधाएं लांघ दी। इस दौरान मौके पर मौजूद बीएएम सुनील कुमार पर आक्रोशित सहियाएँ टूट पड़ी। अपनी जान बचाकर भाग रहे सुनील कुमार के पीछे सहियाएँ भी दौड़ पड़ी, और दूसरे कक्ष से उन्हें भीड़ में आने पर मजबूर कर दिया। इस बीच अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से सुनील कुमार को सुरक्षित अन्य कमरे में रखा गया। सोमवार को शांति एवं सेवा का पाठ पढ़ाने वाली सहियाओं ने जांच टीम के सामने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब एक घंटे तक तांडव जारी रखा। उसे नियंत्रित करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। अस्पताल पहुंचे मरीजों के लिए यह अप्रत्याशित घटना किसी सदमे से कम नहीं था। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रमिला कुमारी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आदित्यपुर थाना पुलिस को फोन की। किन्तु, करीब घंटे बाद पुलिस पहुंची। तब तक क्षेत्र के पूर्व पार्षद सोनू सिंह वहां पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।

ढाई सौ सहियाएं थी अवस्थित

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी सहियाओं को बुला लिया गया था। इसमें करीब ढाई सौ से अधिक सहियाएँ उपस्थित थी। हंगामा का कारण यह भी था कि अलग अलग गुट की करीब ढाई सौ सहियाएँ जांच टीम के सामने खड़ी हो गयी।

यह है मामला
अस्पताल के बीएएम सुनील कुमार पर आरोप है कि फण्ड आवंटन के बाद भी वे सहियाओं को समय पर प्रोत्साहन की राशि का भुगतान नहीं करते हैं। उनके प्रोत्साहन की राशि से काटकर उन्हें दी जाती है। इसके अलावा अन्य मद में जैसे बच्चा जनने, प्रसव कराने समेत अन्य कई मदों की राशि से उन्हें वंचित रखा गया है। सहियाओं के अनुसार पिछले दो साल से उनके साथ यह स्थिति है।

स्वास्थ्य मंत्री को दी थी जानकारी

इस मामले को लेकर कुछ सहियाएँ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर मामले की जानकारी दी थी। स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। सिविल सर्जन ने एसीएमओ के नेतृत्व में जांच दल गठित कर पूरे मामले की जांच करने एवं रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। उसी मामले को लेकर सोमवार को तीन सदस्यीय टीम स्वास्थ्य केंद्र में जांच कर रहे थे। सहियाओं का बयान लिया जा रहा था। जांच में एसीएमओ डॉ.प्रदीप कुमार पति, डी आरसीएचओ डॉ.अजय कुमार और वरीय चिकित्सक डॉ. वीणा सिंह मौजूद थे।

दो गुटों में बटी है सहियाएँ

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो गुटों में सहियाएँ बंट गयी है। एक गुट ने जहां बीएएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और उसको हटाने के लिए जमकर हंगामा मचाया, वहीं दूसरी गुट की सहियाओं ने उनके आरोप को सिरे दे खारिज करते हुए कहा कि उनके साथ ऐसा नहीं होता है, और न ही उनसे कभी पैसे की मांग की जाती है।

”मेरे साथ कुछ सहियाओं ने दुर्व्यवहार किया है। मैं किसी तरह भागकर अपने को बचाया है। अगर मैने गलत किया तो उसकी जांच वरीय पदाधिकारियों की ओर से की जा रही है। मैंने कभी किसी के साथ गलत नहीं किया। यह कुछ सहियाओं की साजिश है।” सुनील कुमार, ब्लॉक एकाउन्टेन्ट मैनेजर,

”स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के आलोक में मामले की जांच की जा रही है। कुछ सहियाओं से उनके बयान लिए जा रहे हैं। इस दौरान सहियाओं की ओर से हंगामा करने की सूचना मिली है। जांच रिपोर्ट को सिविल सर्जन को समर्पित किया जाएगा।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *