शिलापट्ट पर सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो का नाम न होना गंभीर मामला है : मथुरा प्रसाद महतो

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सिन्दरी /(संवाददाता : सिद्धार्थ पाण्डेय) 22 जुलाई को बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के नए भवन का आनलाइन उद्घाटन राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। इस समारोह में लगाए गए शिलापट्ट में स्थानीय विधायक इंद्रजीत महतो का नाम अंकित नहीं किया गया। इस पर सिंदरी के भाजपा नेताओं व विधायक समर्थकों ने शनिवार को जमकर बवाल काटा। पूरे सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में कुलपति का पुतला फूंका गया व नारेबाजी की गई। गलती का अहसास होने पर कुलपति अंजनी कुमार श्रीवास्तव विधायक की पत्नी मीरा देवी से माफी मांगने पहुंचे जहां उनकी शराफत से क्लास ली गई।
कुलपति ने बताया कि ईमेल के जरिए सभी को सूचना दी गई। इसमें इंद्रजीत महतो समेत सभी विधायक शामिल हैं। शिलापट्ट पर किसी का नाम अंकित नहीं किया। इंद्रजीत महतो को अपना अभिन्न मित्र बताते हुए वीसी ने कहा कि उन्हें जानकारी ही नहीं थी कि यह सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में आता है। भेलाटांड़ का उल्लेख गूगल में भी शहर, पिन कोड हर मामले में भी धनबाद ही बताया जाता है। इसी वजह से गलती हुई जिसके लिए वे क्षमाप्रार्थी हैं। इसे विशेषाधिकार का हनन न माना जाए।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने जब शिलापट्ट में नाम जुड़वाने की बात कही तो इसपर कुलपति का कहना था कि यह मुश्किल है। चूंकि उद्घाटन राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने किया है लिहाजा अब संशोधन संभव नहीं। कोई और रास्ता निकालें। इस पर विधायक इंद्रजीत महतो कि पत्नी मीरा देवी ने कहा कि वे राज्यपाल से मिलेंगी। दूसरा कोई रास्ता नहीं है। इसके बाद कुलपति वहां से रवाना हो गए।
इस पूरे प्रकरण में झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है – मुझे तो कार्यकर्म में आमंत्रित भी नहीं किया गया। शिलापट्ट पर सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो का नाम न होना गंभीर मामला है। विधायक को विश्वविद्यालय प्रशासन भूल जाए, यह हो नहीं सकता। यह एक साजिश है। इंद्रजीत का नाम होना ही चाहिए था। इसके बजाय धनबाद के विधायक राज सिन्हा का नाम दर्ज है। यह सब किसके इशारे पर किया गया, यह समझना मुश्किल नहीं है

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