सराईकेला / सेंट्रल सिल्क बोर्ड (वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा खरसावां में संचालित बुनियादी रेशम बीज प्रगुणन एवं विपणन संस्थान (बीएसएमटीसी) के प्रभारी सह वैज्ञानिक डॉ तिरुपम रेड्डी ने क्षेत्र के तसर किसानों को तसर की बेहतर बेहतर खेती के लिये प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि तसर किसान तसर की खेती पर ध्यान दें. सरकार उन्हें हर तरह की सुविधा उपलब्ध करायेगी. डॉ रेड्डी ने कहा कि तसर की खेती में प्रि कोकून व पोष्ट कोकून के तहत कार्य करने वाले लोगों की आमदानी बढ़ाने पर जोर है. वैज्ञानिक डॉ तिरुपम रेड्डी ने बताया कि तसर की खेती को बढ़ाने के लिये किसानों के धान के खेतों के मेढ़ पर अर्जुन व आसन के पौधे लगा सकते हैं. अर्जुन व आसन के पोधे लगा कर तीन-चार साल में इसे बड़ा किया जायेगा. इसके पश्चात उन पेड़ों में तसर कीट पालन किया जायेगा. इससे किसानों को अतिरिक्त रोजगार मिलेगा. रुक रुक कर हो रही बारिश व तापमान कम रहने व मौसम अनुकूल रहने के कारण इस वर्ष बीएसएमटीसी में काफी उत्तम किस्म के डीएफएल का उत्पादन हो रहा है. आने वाले दिनों में नर्सरी व वर्मी कंपोस्ट बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से ओर्गानिक कोकून तैयार होंगे. देश विदेश में ओर्गानिक कोकून की काफी मांग है. इसके जरीये किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा होगा.