सराईकेला/ खरसावां एवं हारिभंजा के श्री गुंडिचा मंदिर में मंगलवारको महिलाओं द्वारा मां विपद तारणी की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गई। मां विपद तारणी को दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। यह पूजा रथयात्रा के दौरान ही की जाती है। आस्था है कि रथयात्रा के दौरान मां विपद तारणी की पूजा करने से सभी प्रकार की विपत्तियों से मुक्ति मिलती है।परंतु इसबार कोविड 19 को लेकर जारी अनुदेशों के कारण मंदिरों में व्रती महिलाओं की संख्या काफी कम देखी गई।परन्तु शहर से लेकर गांव, सभी जगहों पर मां विपद तारणी की पूजा घरों में की गई।घरों में पंडितों द्वारा मां विपद तारिणी की पूजा कराई गई। इसके बाद कथा भी सुनाई गई। पूजा के बाद महिलाओं द्वारा अपने परिवार के प्रत्येक सदस्यों को ध्रुवा घास के साथ मौली धागा बांह में बांधा गया। इसे विपदाओं से रक्षा के लिए बांधा जाता है। इस दौरान महिलाओं ने बताया कि पूजा में 14 प्रकार का फल प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। आज के दिन महिलाएं सुबह से ही निर्जला उपवास करती हैं। पूजा के बाद ही महिलाएं प्रसाद ग्रहण करती हैं ।