धनबाद / राज्य में कोरोना संक्रमण की दर काफी कम हो चुकी है। हाट, बाजार, मॉल, सिनेमा हाल समेत तमाम तरह के प्रतिष्ठान खुल चुके हैं। इसके बावजूद भी अब शिक्षण संस्थान जैसे, स्कूल, कालेज, कोचिंग के अलावा मंदिरों के खुलने का इंतजार है। उम्मीद है अनलाक सिक्स में इन सभी को खोलने की अनुमति राज्य सरकार दे।
शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर अभिभावकों के साथ-साथ कोचिंग शिक्षण संचालक और चैंबर भी अपना समर्थन कर रही है। इनका मानना है कि कोरोना संक्रमण काल में मानव जीवन के बाद यदि सबसे अधिक प्रभाव किसी चीज पर पड़ा है तो वह है शिक्षा व्यवस्था पर।
झारखंड अभिभावक संघ के मनोज मिश्रा का कहना है कि बच्चों को पहले टीका लगवाया जाए। ऐसी व्यवस्था हो तो शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पूरी तरह से टीका लगवाया जाए। इसके बाद ही स्कूल खोला जाए। उन्होंने कहा कि फिलहाल नौवीं, दशवीं, ग्याहरवहीं व बारहवीं की कक्षाएं नियमों के तहत संचालित की जा सकती हैं। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से घोषणा पत्र नहीं लें, बल्कि स्वयं यह घोषणा पत्र दें की उनका संस्थान सुरक्षित है और सभी शिक्षण एवं कर्मचारियों ने टीका ले लिया है।