खान के गुर्गों ने आंदोलन खत्म नहीं करने पर दीप नारायण सिंह को गोली मारने की धमकी दी है |
बाघमारा | झारखंडी रैयत रेल विस्थापित समिति के बेनर तले पुर्व घोषित कार्यक्रम के तहत रैयतों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दीप नारायण सिंह के नेतृत्व में निचितपुर से गोमो तक रेल चौड़ीकरण का कार्य को बंद कर दिया। विदित हो कि डीएफसीसी द्वारा पुर्व – मध्य रेलवे डिवीजन में रेल चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। निचितपुर से गोमो तक विस्थापित और प्रभावित रैयत इस योजना में काम मांग रहे हैं।
परन्तु जो कम्पनी इस कार्य को कर रही है।उस कंपनी में किसी भी विस्थापित और प्रभावित रैयत को काम पर नहीं रखा जा रहा है। पिछले तीन माह से कंपनी के लोग विस्थापित और प्रभावित रैयतों को ठगने का काम कर रही है। आंदोलनकारियों ने कहा कि कंपनी गुंडों के बल पर काम करवाना चाह रही है। जो किसी कीमत पर ग्रामीण रैयत होने नहीं देंगे। अगर कंपनी हमलोगों की मांग को नहीं मानती है तो हम गांव के लोग अपने अधिकार को छिन कर लेंगे।
रैयतों की मांग के समर्थन एवं कंपनी का अड़ियल रवैया के विरुद्ध आंदोलन जारी रहेगी। बताते चलें कि आंदोलन को खत्म करने के लिए आन्दोलन के नेतृत्व करता दीप नारायण सिंह को उनके श्यामहीह मोड़ स्थित आवासीय परिसर में घुस कर फहीम खान एवं कंपनी के गुंडों ने जान मारने की धमकी दी है। इस संबंध में दीप नारायण सिंह ने स्थानीय थाना को लिखित शिकायत दे कर जान – माल की सुरक्षा का गुहार लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
इस संबंध में झारखंडी रैयत रेल विस्थापित समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष और यूथ फोर्स के प्रधान संयोजक दीप नारायण सिंह ने कहा कि आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। परन्तु कंपनी फहिम खान के गुंडों और गोली – बम के बल पर ग्रामीणों के हक अधिकार को छिन्ना चाह रही है। जो किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।
श्री सिंह ने कहा कि आज लगभग 12:30 बजे दिन को मेरे श्यामहीह मोड़ स्थित यूथ फोर्स कार्यालय में घुस कर फहीम खान के गुर्गों ने आंदोलन खत्म नहीं करने पर मुझे जान मारने की धमकी दी है। विस्थापित और प्रभावित रैयत अपनी जान देकर भी अपने अधिकार को लेकर रहेंगे। आंदोलन में सहदेव सिंह, इम्तिहान खान,बिनोद सिंह, प्रदीप सिंह, हराधन जी, सिमरजीत सिंह, गफुर अंसारी, सलीम खान,प्रिंस कुमार, आदि सैकड़ों लोग मौजूद रह
निचितपुर-गोमो रेल चौड़ीकरण कार्य बंद, ग्रामीण रैयतों का आंदोलन तेज
कतरास: झारखंडी रैयत रेल विस्थापित समिति के बैनर तले पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत, निचितपुर से गोमो तक रेल चौड़ीकरण कार्य को ग्रामीणों और रैयतों ने बंद करवा दिया। इस आंदोलन का नेतृत्व समिति के केंद्रीय अध्यक्ष और यूथ फोर्स के प्रधान संयोजक दीप नारायण सिंह ने किया।
ग्रामीणों और रैयतों का कहना है कि डीएफसीसी द्वारा पूर्व-मध्य रेलवे डिवीजन में चल रहे रेल चौड़ीकरण के कार्य में विस्थापित और प्रभावित रैयतों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। तीन महीने से कंपनी प्रभावित रैयतों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
आंदोलन पर कंपनी का अड़ियल रवैया
आंदोलनकारियों का आरोप है कि कंपनी ने ग्रामीणों को ठगने और धमकाने के लिए गुंडों का सहारा लिया है। दीप नारायण सिंह ने कहा, “ग्रामीण शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। लेकिन कंपनी धमकी और दबाव की राजनीति पर उतर आई है। यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
नेता को धमकी, सुरक्षा की मांग
आंदोलन समाप्त करने के लिए दीप नारायण सिंह को श्यामहीह मोड़ स्थित उनके आवासीय परिसर में फहीम खान और उसके गुर्गों ने जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में श्री सिंह ने स्थानीय थाना में लिखित शिकायत देकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
दीप नारायण सिंह ने कहा, “हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। गोली और बम की धमकियों से डरकर पीछे हटने वाले नहीं हैं। कंपनी को विस्थापितों और प्रभावित रैयतों को रोजगार देना ही होगा।”
ग्रामीणों का संकल्प
आंदोलनकारी रैयतों ने कहा कि वे अपनी मांगों के लिए जान की बाजी लगाने को तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी के किसी भी दबाव को झुकने नहीं देंगे।
आंदोलन में भाग लेने वाले प्रमुख लोग
आंदोलन में सहदेव सिंह, इम्तिहान खान, बिनोद सिंह, प्रदीप सिंह, हराधन जी, सिमरजीत सिंह, गफुर अंसारी, सलीम खान, प्रिंस कुमार सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।