बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ औरंगाबाद में निकाला गया विरोध मार्च

बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता |

औरंगाबाद | कई महीनों से पडोसी देश बांग्लादेश में अशांति फैली हुई है। पहले तो छात्र आंदोलन के नाम पर शेख हसीना सरकार को पदच्यूत किया गया तत्पश्चात आंदोलन के आड़ में हिन्दु मंदिरो पर हमले हुए। हिन्दुओं की सम्पति लूट ली गई उन्हें उनके घरो से बेघर कर दिया गया।

धीरे-धीरे यह सिलसिला बढता ही जा रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय भारतीय समाज औरंगाबाद के सभी प्रबुद्ध नागरिक इसका पूरजोर विरोध करते है। इसी को लेकर आज औरंगाबाद शहर के ब्लॉक मोड़ पर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसमें औरंगाबाद के प्रबुध हिन्दु समाज के लोग जमा हुए और कहा कि भारत सरकार से यह मांग करते है कि इस विषय को लेकर बांग्लादेश के कार्यवाहक युनुस सरकार पर दबाव बनाएं व इस विषय को संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाये ताकि बांग्लादेश का हिन्दु समाज सुरक्षित रहकर शांति पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।

धरना स्थल पर आयोजित सभा में अलग-अलग वक्ताओं ने अपना-अपना विषय रखा। विषय प्रवेश उमाशंकर पोदार ने किया। उन्होने इस सभा के माध्यम से भारत सरकार से अपील किया कि वे बांग्लादेश में शांति की पुर्नस्थापना का प्रयास करें। शिक्षाविद् डा. संजीव रंजन ने कहा कि आज के बांग्लादेश की जो स्थिति है उसकी कथन इंदिरा गांधी ने भी नहीं की होगी।

अन्य वक्ताओं में इस्कॉन के अभय अच्युतानन्द दास, पंतजलि से विनोद कुमार,मुखिया सुजीत कुमार सिंह, विकास कश्यप, महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विधार्थी, सतीश कुमार सिंह आदि ने भी अपने-अपने विचार रखें व बांग्लादेश में हो रहे घटनाओं का पूरजारे विरोध किया। मंच संचालन सुधीर कुमार सिंह जी ने किया।

अंत में सभी लोग धरना स्थल से पैदल विरोध मार्च करते हुए धर्मशाला मोड़ तक गए, तत्पश्चात वापस लौट कर रमेश चौक पर एकत्रित हुए। इस दौरान सभी ने बांग्लादेश के प्रति रोष प्रकट किया। इसके बाद एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी के समक्ष इस आशय का ज्ञापन सौंपा।

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