रिंकु कुमार, गिरिडीह | गिरिडीह के सदर प्रखंड अतंर्गत बदगुंदाखुर्द पंचायत के झरना टोला के 20 घर के परिवार नाले के गंदा पानी के लिए विवश है अधिकारियों से मामले की गंभीरता बताने के बावजुद कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। इस गांव में लगभग 70 /80 लोग रहते हैं, वर्तमान में यहां के अदिवासी परिवार सुबह होते ही गंदे नाले के किनारे चुंवां खोदने में जुट जाते हैं, क्योंकि इसी चुंवां के पानी से इन लोगों की प्यास बुझती है। गांव में इस टोला में एक भी चापाकल नही है। अदिवासी बस्ती के लोग बताते हैं कि इन्हें सिर्फ गर्मी में ही नही बल्कि सालों भर पानी की समस्या से जुझना पड़ता है। गर्मी के दिनों में नाले के किनारे चुंवां बना कर पानी निकालते हैं, लेकिन बरसात में चारो ओर कीचड़ के कारण चुंवां भी नही बन पाता है।एसे में बहुत परेशानी होती है।
क्या कहते है वार्ड सदस्य
बदगुंदाखुर्द पंचायत के झरना गांव के वार्ड सदस्य बुधन हांसदा ने बताया की गांव से दो किलोमीटर दूर यह चुआं नदी में एक चुंवा बनाया गया है। रोजाना पानी के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ती है क्योंकि जिस जगह पर यह पानी निकाला जाता है वहां पर भी सीमित मात्रा में पानी किसी तरह से निकलता है। पानी इकट्ठा करने के लिए रुक रुक कर कटोरे से निकालना पड़ता है फिर इसे छान कर किसी तरह से पानी इकट्ठा कर डेगची में भर कर घर लाते है ।अगर हम लोगों सरकार द्वार पानी पीने के लिए जल मिनार बोरींग नही करवायेगी तो आने वाले चुनाव में वोट को बहिष्कार करेंगें।
ग्रामीणों की मांग
चंपा हेम्ब्रम, मंझली देवी, सबिता देवी, संगीता देवी, बड़की देवी, रुपा देवी, गीता देवी, फुल मुन्नी देवी, मंगरा हांसदा,बिसन हांसदा, आदि लोगों ने बताया की जहां पानी की जरुरत होती है वहां नही दी जाती है हम लोग सरकार से यह मांग करते है की बोरींग और जल मिनार लगने से यहां के ग्रामीणों इसका लाभ मिलेगा पानी लाने के लिए दुर नही जाना पड़ेगा।