धनबाद। महिला सशक्तिकरण को लेकर विशेष कुछ बजट में नही किया गया है। स्वाबलंबन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के क्षेत्र में पूर्व की घोषणा भी धरातल पर नही आई। एम एस एम ई की ऋण योजना गरीब महिला और निम्न मध्यम वर्ग की महिलाओं को नही मिला। कौशल विकास के नाम पर सरकार ने युवा वर्ग के साथ धोखा पहले भी किया और इस बजट में भी कुछ उत्साहवर्धक नही है। देश के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है और रोजगार सृजन के क्षेत्र में मोदी सरकार और निर्मला सीतारमण का बजट पूरी तरह विफल रही है। वहीं करदाताओं को कोई छूट नही दिया गया बल्कि कर स्लैब को तीन लाख कर भार बढ़ाया गया है। जिससे कर दाताओं को नुकसान होगा।
बजट 2024 एक ऐसे आदर्श वाक्य पर निर्भर है जो वास्तविक जीवन में कभी फलीभूत नही होता। बजट पूरी तरह से भ्रामक और लोगों को गुमराह करने वाला है।