तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अभियान के रूप में जिलेवासियों को पेड़ लगाने होंगे- डीएम
गया ।मंत्री सहकारिता विभाग सह वन एव जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार सरकार डॉ० प्रेम कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में विभिन्न विभागों द्वारा जनसरोकार के उद्देश्य से किये जा रहे कार्यो की समीक्षा की गई है।इस बैठक में जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा मंत्री का स्वागत करते हुए बैठक में आये सभी पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए विभागवार कार्यो की जानकारी दी गई।
जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि साल दर साल मौसम में अचानक बदलाव देखे जा रहे हैं। पहले की तुलना में हीट वेब का प्रकोप ज्यादा हो रहा है। जिससे आम जनमानस के साथ साथ पशु पक्षियों को भी दिक्कत देखी जा रही है। तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अभियान के रूप में जिलेवासियों को पेड़ लगाने होंगे।
डीएम ने बताया कि इस वर्ष मानसून सीजन में वन विभाग एव मनरेगा विभाग द्वारा कुल मिलाकर लगभग 25 लाख से अधिक पेड़ लगाने की योजना तैयार की गई है।इसमें ज़िले के सभी विभागों यथा पुलिस विभाग, विभिन्न लाइन डिपार्टमेंट प्रशासनिक विभाग, स्वमं सेवी संस्थाओं आदि की पूरी सहभागिता अपेक्षित रहेगी। वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष मानसून में दो प्रकार की योजना ली गई है, पहली योजना जंगल के अंदर पौधारोपण तथा दूसरी योजना जंगल के बाहर पौधारोपण है। जंगल के अंदर इस वर्ष 8 लाख पौधे लगाने की योजना तैयार की गई है।
गया शहरी क्षेत्र में 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे। जिससे शहरी क्षेत्र में भविष्य में अत्याधिक गर्मी या हीट वेव की समस्या में काबू पाया जा सकेगा। वन विभाग द्वारा 8 बड़े सड़कों को चिन्हित किया है जिसके किनारे किनारे तथा यात्रियों के छांव तथा पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए 16800 पौधे इस वर्ष लगाए जाएंगे।
जीविका दीदी को 464000 पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे, जो अपने जीविका दीदियों के माध्यम से पौधे लगवाए जाएंगे। इसके लिए जीविका के पदाधिकारी के साथ बैठक कर पौधा लगाने की कार्य योजना तैयार कर ली गई है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के 42 विभागों को वन विभाग की ओर से पत्र भेजा गया है जिसमें यह अनुरोध किया गया है कि यदि कार्यालय परिसर में खाली जगह है तो उसकी सूचना दें ताकि उसी अनुसार से उन्हें पौधे उपलब्ध कराया जा सके।
इसके अलावा सीआरपीएफ, एसएसबी तथा सभी थाना अध्यक्ष को भी पत्र दिया गया है, ताकि बड़े पैमाने पर इस वर्ष पौधारोपण हो सके। इस वर्ष पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार पहाड़ यथा प्रेतशिला, रामशिला, डुंगेश्वरी एवं ब्रह्मयोनि पर बरसात के मौसम में पहाड़ों पर सीड बॉल का छिड़काव किया जाएगा जिससे पहाड़ों पर भी हरियाली आने की संभावना रहेगी।
इस वर्ष 1 लाख सीड बॉल डालने की योजना तैयार की गई है। मंत्री ने जिला पदाधिकारी को सुझाव दिया कि गया जिला बड़े-बड़े पहाड़ों से घिरा हुआ है। गया जिला में लगातार पानी की समस्या भी देखी जा रही है। बरसात के मौसम में पहाड़ों का पानी प्राय बर्बाद हो जा रहा है। पहाड़ों पर पानी रोकने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें इसके लिए विशेषज्ञ या कंसल्टेंसी के माध्यम से उनकी मदद लें एवं पहाड़ों का सर्वे कराकर पहाड़ों का पानी कैसे रोका जाए इस पर योजना तैयार करें।
इससे पहाड़ों पर हरियाली के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन पर भी काफी लाभदायक साबित होगा।मनरेगा के माध्यम से भी इस वर्ष बड़े पैमाने पर पौधा लगाने की योजना है इसमें मुख्य रूप से फल्गु नदी के किनारे बड़े पैमाने पर पौधारोपण कराए जाएंगे। नेशनल हाईवे के अधिकारी ने बताया कि एनएच 83 एनएच 82 सहित अन्य जितने भी नेशनल हाईवे हैं उनके किनारे बड़े पैमाने पर पौधे लगाए जाएंगे।
इसके अलावा सभी स्टेट हाईवे के किनारे भी पौधा लगाने के कार्य योजना संबंधित विभाग द्वारा की गई है। मंत्री ने बताया कि आम के पौधे, नीम, पीपल, बरगद, पाकड़ जैसे लंबी आयु तक ठहरने वाले पौधों को ही सड़कों के किनारे लगावे ताकि राहगीरों को पूरी छाया मिले तथा पर्यावरण भी साफ बना रहे हैं।
औरंगाबाद चोरदाहा सड़क, वाराणसी कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना, आमस दरभंगा परियोजना, एन एच 2 शेरघाटी से डोभी बाराचट्टी होते हुए झारखंड बॉर्डर तक जाने वाले सड़क के किनारे पूरी संख्या में पौधा लगाने का निर्देश सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को दिया गया है।
डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी एव ज़िला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया …