तिसरा। बस्ताकोला क्षेत्र अंतर्गत केओसीपी विभागीय परियोजना को बचाने के लिए बुधवार को संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कर्मियों ने गोलकडीह वर्कशॉप के मुख्य द्वार पर प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया!
सात सूत्री मांग पत्र सौपा गया!
प्रबंधन विरोधी नारे लगाए गए! प्रदर्शनकरियो को संबोधित करते हुए वक्ताओ ने कहा कि केओसीपी प्रबंधन विभागीय परियोजना को बंद करना चाह रही है! अगर परियोजना बंद हो गई तो एक हजार से अधिक मजदूरो पर छटनी की तलवार लटक जाएगी! क्योंकि पूरे बस्ता कोला क्षेत्र में केओसीपी मे ही विभागीय परियोजना बचा हुआ है!
परियोजना को बचाने के लिए संयुक्त मोर्चा के नेताओं के साथ क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर कई बार वार्ता हुई थी जिसमें कहा गया था कि केओसीपी विभाग के परियोजना के बगल में वन विभाग की जमीन है! अगर प्रबंधन वन विभाग से जंगल की जमीन क्लीयरेंस करा लेती है तो इस क्षेत्र में कोयले का भंडार है! लेकिन चार-पांच साल से प्रक्रिया चल रही है लेकिन अभी तक जमीन क्लीयरेंस नहीं हो पाया है!
इससे साफ झलकता है कि प्रबंधन की मंशा ठीक नहीं है!यही कारण है कि आंदोलन शुरू किया गया है जो चरणबद्ध चलेगा! जिसमें 21 जून तक पीट मीटिंग होगी! 25 जून को गोलकडीह कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा!
10 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना एवं एक सप्ताह के बाद भूख हड़ताल होगी! इसके अलावा वक्ताओं ने कहा कि दोबारी, कुइया, बेड़ा, घानूडीह कोलियरी को मिलकर विभागीय परियोजना चालू किया जाए, लोदना क्षेत्र का ओबी डंप बस्ताकोला क्षेत्र में नहीं किया जाए, ओ बी डंप के लिए रैयती जमीन का अधिग्रहण हो, संडे हॉलीडे कटौती बंद हो इन सारे मुद्दों पर यदि प्रबंधन शीघ्र पहल नहीं करती है तो उग्र आंदोलन होगा! विरोध प्रदर्शन करने वालों में तुलसी रवानी, उमेश सिंह, हीरालाल गोराई,कालीचरण रवानी, भगवान प्रसाद नोनिया, राजीव कुमार सिंह,अखिलेश्वर तिवारी, रघुवीर निषाद, तेजेंद्र वर्मा, प्रेम सागर राम,प्रभास सिंह आदि शामिल थे!