बांझपन का बड़ा कारण जीवन शैली का ठीक नही होना, नशीले वस्तु का सेवन कठिनाई करता प्रजनन में प्रभावित

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गया। मगध आब्स एण्ड ग्यानी सोसायटी ने भारतीय फर्टिलिटी सोसायटी के साथ मिलकर को एक बांझपन की कार्यशाला का आयोजन किया गया है।इस कार्यक्रम में देश के प्रमुख प्रजनन विशेषज्ञों ने भाग लिया और बांझपन दूर करने पर विस्तृत चर्चा किए,इस मौके पर बांझपन का मुख्य कारण महिलाओं में अंडाणु की समस्या, फैलोपियन ट्यूब रुकावट, एंडोमेट्रियोसिस,हार्मोनल असुंतलन, पुरुषों में शुक्राणु की कमी, वीर्य वाहनी में रुकावट, हार्मोनल असंतुलन एवं सक्रामण के बाते बताई गई है।इसकी पहचान होने पर आइवीएफ के विकल्प से लोग मुक्ति पा रहे हैं।

खान पान, दिनचर्या सबसे बढा कारण है।

इस कार्यशाला के वक्ता के रुप में संबोधित करते हुए आईजीएएमस पटना की डॉ कल्पना सिह ने ओवीरियन स्टिमुलेनशन में अभी के टेकनिक के बारे में पुरी जानकारी दी,नोवा आईवीएफ से आए डॉ रोहित गुटगुटिया ने पुरुष बांझपन के कारणों एवं उपचारो पर प्रकाश डाला,इसी तरह गया के मेडीवर्स हास्पिटल के डा तेजस्वी नंदन ने नयी तकनीकी मे सुधार के लिए व्यवहारिक सुझाव दिए हैं।इस दौरान चेयरमैन के रुप डॉ मंजू सिन्हा, डॉ तेजस्वी नंदन, डॉ जय श्री सिन्हा,डॉ सुनिता शर्मा,काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।इस कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ रुबी बोस ने किया है। इससे समाज में जागरूकता बढेगी और उन्हें उचित मार्गदर्शन मिलेगा।

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