मार्क्सवादी युवा मोर्चा ने कार्ल मार्क्स की पुण्यतिथि मनाई

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कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों से साम्यवादी क्रांति हुई : पवन महतो

धनबाद | मार्क्सवादी युवा मोर्चा धनबाद जिला कमेटी की ओर से कार्ल मार्क्स की पुण्यतिथि मासस केंद्रीय कार्यालय टेंपल रोड, पुराना बाजार में मनाया गया। सर्वप्रथम कार्ल मार्क्स की तस्वीर पर मायुमो जिला अध्यक्ष पवन महतो ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उसके बाद एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मायुमो जिला सचिव राणा चटराज ने की।गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मायुमो जिला अध्यक्ष पवन महतो ने कहा की दुनिया के मजदूरो एक हो। यह नारा लगाने वाले महान राजनीतिक, दार्शनिक कार्ल मार्क्स का सारा जीवन सर्वहारा वर्ग का एकतंत्र लाने के प्रयासों में ही व्यतीत हुआ। साम्यवाद उन्हीं की देन है। उन्हें अपने उग्रवादी विचारों के कारण जर्मनी एवं फ्रांस से निष्कासित होना पड़ा। क्रांतिकारी वर्ग के समर्थक मार्क्स ने इंग्लैंड में रहते हुये काफी निर्धनता के बाद भी अपने विचारों का प्रचार किया।1848 में ‘दि कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो’ एवं 1859 में ‘दास केपीटल’ नामक दो अमर ग्रंथों ने दुनिया में तहलका मचा दिया था। उन्होंने पूंजीवाद का विरोध तथा समाजवाद का प्रतिपादन किया।विश्व की सभी भाषाओँ में उनकी लिखी पुस्तकों का अनुवाद हो चूका है। कार्ल मार्क्स के सिद्धांतो से प्रेरित होकर ही रूस,चीन,वियतनाम, क्यूबा एवं युगोस्लाविया आदि में साम्यवादी क्रांतियां हुईं।मार्क्स साम्यवाद को पूंजीवाद का स्वाभाविक परिणाम मानते थे और उन्हें आशा था कि उनके द्वारा प्रतिपादित नया समाजवाद सर्वप्रथम ब्रिटेन और जर्मनी जैसे औधोगिक देशों में लागू होगा,परंतु हुआ यह कि कम्युनिज्म को औद्योगीकरण के विस्तार के स्थान पर ‘गरीबी के समाधान’ के रूप में देखा गया और सर्वप्रथम कम्युनिस्ट राज्य की स्थापना 1918 में हुई जो उस समय विकास की दृष्टि से पश्चिम युरोप से लगभग एक शताब्दी पीछे था। पूरे धरती पर बेहतर समाज व्यवस्था का निर्माण मार्क्सवाद के रास्ते पर चलकर ही हो सकता है। समाज मुखी, शोषण विहीन राजनीति, अर्थनीति एवं संवेदनशील कार्यक्रम मार्क्सवाद की आधारशिला है। मात्र 65 वर्ष की उम्र में ही मार्क्स ने उच्चतम शिक्षा एवं राजनीति में कीर्तिमान स्थापित किया। उनके दर्शन को विस्तारित करने की जरूरत है। संगोष्ठी में मुख्य रूप से महादेव महतो,सुरेश महतो,कृष्ण कुमार लला,शिशु पाल, धर्म पाल,राजेश साव,महेंद्र ठाकुर,संजीव मंडल,ओम साव,राजा अंसारी,अभिषेक ठाकुर,बिनोद साव आदि शामिल थे।

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