दलित पीड़ितों और मजदूर वर्ग के प्रिय नेता का. बासुदेव आचार्य नहीं रहे शिव बालक पासवान


झरिया।दलित शोषण मुक्ति मंच झारखंड राज्य कमेटी के राज्य अध्यक्ष शिव बालक पासवान ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा की इससे अपूर्ण क्षती है। मजदूर किसान छात्र और नौजवान तथा समाज के तमाम वर्गों के मसीहा आज हमारे बीच नहीं रहे कामरेड बासुदेव आचार्य आरएसपी कॉलेज के एक छात्र थे। यहां से उन्होंने साइंस से ग्रेजुएशन किया और 9 बार बाकुड़ा के सांसद रहे लेकिन बाकुड़ा के सांसद रहने के बावजूद भी धनबाद, कोयला आंचल की जो समस्याएं चाहे मजदूरों की हो, किसानों की हो, या झरिया कोलफील्ड का सवाल तथाकथित अन्य सवालों पर पार्लियामेंट के अंदर मुख्य रूप से सवाल को रखते थे। अस्वस्थ रहने के बावजूद कभी भी परलीक्षित होने नहीं देते थे कि मैं अस्वस्थ हू।जब-जब झरिया की जनता ने उन्हें याद किया तब तब वह अस्वस्थ रहने के बावजूद भी वह समय देते रहें। सीपीएम के पूर्व केंद्रीय कमिटी सदस्य, आल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष और सीटू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड बासुदेव आचार्य के निधन पर गहरा शोक प्रकट करता है. वे पिछले एक महीने से बीमार चल रहे थे और हैदराबाद में इलाज के दौरान आज अपराह्न 12. 30 बजे उनका निधन हो गया.
कामरेड बासुदेव आचार्य 9 बार लोकसभा के सांसद रहे थे तथा संसद में पार्टी ग्रुप के नेता के तौर पर उनकी संसदीय दक्षता के सभी कायल थे. रेलवे और कृषि मंत्रालय की संसदीय स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन के रुप में उन्होंने रेलवे कर्मचारियों और किसानों के हितों के लिए अथक परिश्रम कर उनका सशक्तिकरण करने का काम किया.
रेलवे कर्मचारियों के बीच बासु दा काफी लोकप्रिय थे. वे एक अत्यंत सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के नेता थे. अखिल भारतीय कोल वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष के रूप में वे कोयला कामगारों के हितों की रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते थे.

उनके निधन से देश के मजदूर, किसान, नौजवान, छात्र, महिलाओं, दलितों शोषित पीड़ितों को आंदोलन को क्षति हुई। उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है.

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