बिहार झारखंड के चार जिलों के उत्तर कोयल परियोजना को मोदी सरकार तीसरी बार चुनावी स्टंट बनाया – कांग्रेस

गया ।आज मगध प्रमंडल मुख्यालय गया के स्थानीय चौक स्थित शीशमहल होटल मे गया जिला कांग्रेस कमिटी एवम औरंगाबाद जिला कांग्रेस कमिटी के संयुक्त तत्वाधान मे संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर वर्षो से लंबित बिहार, झारखंड के चार जिलाओ ( गढ़वा, पलामू, औरंगाबाद, गया) के महत्वपूर्ण सिचाई परियोजना उत्तर कोयल नहर जलाशय योजना को केंद्र की मोदी सरकार आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए, इस जीवनदायनी योजना को तीसरी बार चुनावी स्टंट बनाने का काम किया है। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन मे शामिल गया जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ गगन कुमार मिश्रा, औरंगाबाद जिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह पप्पू, मगध प्रमंडल प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठु, गुरुआ के पूर्व विधायक मो खान अली, युगल किशोर सिंह, मिथिलेश सिंह, श्रवण पासवान सतेंद्र नारायण सिंह, नथुन पासवांन, संजय रंजन, बैजू प्रसाद, मगध आई टी सेल के मो नवाब अली, मो अजहरुद्दीन, बृज मोहन शर्मा, गिरेंद्र कुमार, राजेंद्र सिंह, ज्ञाननेंद् शिशु, आदि ने कहा की बिहार राज्य के गया, औरंगाबाद के हजारो हेक्टेयर खेतों की सिचाई की माहत्वपूर्ण योजना को प्रधनमन्त्री नरेंद्र मोदी सन् 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार मे गया के गांधी मैदान मे नहर की लाल पानी देने की घोषणा, फिर 2019 लोकसभा चुनाव के पहले झारखंड के डाल्टनगंज मे शिलान्यास का चुनावी स्टंट तथा अब 2024 चुनाव से पहले तीसरी बार चुनावी स्टंट बनाते हुए 1836.41 करोड़ देने की घोषणा कर किसानो को लुभाने की कोशिश की गई है। नेताओ ने कहा की उत्तर कोयल परियोजना का सन् 2017 मे प्रधनमन्त्री जब शिलान्यास किये थे उस समय अनुमानित लागत 1622.27 करोड़ था जो केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध नही कराया गया, अब जब 2024 लोकसभा चुनाव माथे पर आया तो 1836.41 करोड़ देने की घोषणा की जा रही है। नेताओ ने कहा की इस परियोजना के संबंध मे केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा बताया गया की यह योजना को पुरा होने मे 30 माह यानी ढाई वर्ष लग जायेगा, तो दूसरी ओर औरंगाबाद के सांसद झूठ का पुल बांधते हुए इसे तीन माह मे पूरा होने की बात कही है।
नेताओ ने कहा की उत्तर कोयल परियोजना का शुभारंभ 1972 मे देश के लोकप्रिय, जनप्रिय प्रधनमन्त्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल मे हुआ जो सन 1993 ,तथा जारी रहने के बाद वन, पर्यावरन विभाग द्वारा बेला नेशनल पार्क एवम पलामू टाइगर रिजर्व पर खतरा के चलते काम बंद हुआ था। फिर सन् 2000 मे बिहार से झारखंड के विभाजन के बाद बराज एवम बांध का मुख्य का झारखंड के हिस्से मे चले जाने, दोनों राज्यो के बीच पानी के बटवारे आदी कारणों से योजना मे विलंब हुआ है। नेताओ ने कहा की इस माहत्वपूर्ण परियोजना मे बांध की उचाई कम करने से गया जिला के गुरुआ, टिकरी के इलाको मे पानी ना के बराबर आने की संभावना है, जिसे गया जिला के किसानो को कोई फायदा नही होगा। नेताओ ने कहा उत्तर कोयल परियोजना को पुरा कराने की मांग को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व औरंगाबाद के संसद रहे स्व सत्येंद्र नारायण सिंह, पूर्व संसद स्व श्यामा सिन्हा, तथा पूर्व राज्यपाल व औरंगाबाद के पूर्व संसद निखिल कुमार शुरू से प्रयासरत रहे है। निखिल कुमार दर्जनों बार केंद् सरकार के साथ, साथ बिहार एवम झारखंड सरकार से इसके लिए गुहार कर चुके है। दूसरी ओर उत्तर कोयल नहर चालू कराओ संघर्ष समिति के वैनर तले गया, औरंगाबाद के किसानो ने गया, पटना, से दिल्ली तक संघर्ष करते आ रहे है। नेताओ ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधनमन्त्री, से बिहार, झारखंड के चार जिलाओ के उत्तर कोयल परियोजना के टेक्निकल सिस्टम मे बिना छेड़ छाड किये अविलंब 1836. 41 करोड़ रुपया विमुक्त करने की मांग की है।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *