गया।राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता बिहार प्रदेश के सचिव विनय कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जब महागठबंधन में थे राष्ट्रीय जनता दल ने उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में पांच टिकट दिया था दो टिकट पर स्वयं लड़कर चुनाव हार गए और तीन टिकट बेच दिया। जबकि लालू प्रसाद यादव पांच टिकट इन्हें इसलिए दिए थे की पांचो टिकट पर कुशवाहा उम्मीदवार को लडाये। और वह कुशवाहा पार्टी का कार्यकर्ता हो ,लेकिन उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ अपने पैसे बढ़ाने के लिए पार्टी से बाहर का उम्मीदवार को पैसे लेकर टिकट दिया। लालू प्रसाद यादव के विरोध बोलने वाले उपेंद्र कुशवाहा शायद यह भूल चुके हैं की लालू प्रसाद यादव ने अपने शासनकाल में 12 मंत्री कुशवाहा समाज से बनाया था।
मैं उपेंद्र कुशवाहा जी से पूछना चाहता हूं कि चुनाव में टिकट बेचना भ्रष्टाचार नहीं है क्या?आपने तो यह बिजनेस बहुत दिन से किया है। और आगे भी करते रहिएगा इसीलिए पार्टी का विलय करते हैं और नई पार्टी बनाते हैं।
लेकिन जब उपेंद्र कुशवाहा केंद्र में मंत्री बने तो इन्हें प्रदीप मिश्रा और माधव आनंद जैसे लोग दिखाई देने लगे जो कुशवाहा समाज उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तन मन धन लगाया उसे समाज एवं युवाओं को भूल गए । उपेंद्र कुशवाहा श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि जब मंत्री थे तब से आज तक कितना कुशवाहा लोगों का मदद किया कितने कुशवाहा लोगों को नौकरी दिया,और पैरवी किया। इन्होंने कुशवाहा समाज के लिए कुछ नहीं किया है।
ये कुशवाहा समाज के लिए कुछ नहीं करते हैं सिर्फ मानसिक रूप से नए-नए युवाओं को जाति का सेंटीमेंट में बांधकर सिर्फ शोषण कर भविष्य बर्बाद कर रहे हैं
कितना मेहनत से पार्टी बनाया जाता है लेकिन इन्होंने बार-बार पार्टी का विलय किया सिर्फ अपने निहित स्वार्थ के लिए उपेंद्र कुशवाहा को कार्य कर्ता एवं कुशवाहा समाज के लोगों से कोई लगाव नहीं है। राजनीतिक दुकानदारी चलाने के लिए पार्टी बनाना पार्टी का विलय करना उनकी फितरत है।
इस तरह से भाजपा ओबीसी का आरक्षण को खत्म कर रही है इस पर उपेंद्र कुशवाहा चुप्पी साधे हुए हैं क्यों? इसलिए की इनकी राजनीति सिर्फ अपने लिए है भाजपा के साथ फिर से बारगेनिंग करके कुछ टिकट लेंगे और टिकट बेच कर पैसा कमाने का धंधा करेंगे। इनकी आज तक की राजनीति सिर्फ पैसे कमाने तक सीमित रही है कुशवाहा समाज को बेचकर न सिर्फ अपना धन संपत्ति बनाने का काम किया है। हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जिस कॉलेजियम सिस्टम है और उसमें देश के कुछ ही परिवारों का हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के जज बनने में कब्जा है। अभी उपेंद्र कुशवाहा जी भाजपा के साथ हैं कॉलेजियम सिस्टम के विरुद्ध लड़ाई क्यों बंद कर दी।आज उसी भाजपा के गोद में बैठकर संघ एवं भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। सिर्फ अपने निहित स्वार्थ और पैसे के लिए बार-बार पार्टी बनाते रहे और विलय करते रहे।
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी का जदयू में विलय करने से पूर्व उन्होंने कहा था कि मेरा या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी लाभ के पद पर नहीं जाएगा लेकिन विलय करने के उपरांत खुद एमएलसी बन बैठे और जब इनका मनोकामना पूरा नहीं हुआ तो फिर नीतीश कुमार से अलग होकर अपनी नई दुकानदारी चलाने के लिए नया पार्टी बना लिया है।इनका फितरत सिर्फ कुशवाहा समाज के युवाओं को बरगला कर संघर्ष में झोक कर बर्बाद करना है। जब केंद्र में मंत्री थे तो कितने कुशवाहा समाज के युवाओं को मदद किया इसका श्वेत पत्र उन्हें जारी करना चाहिए।