दिल्ली। 8 मई, सोमवार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यू अशोक नगर में “चिंगारी, शायर जंक्शन” मंच द्वारा बीते रविवार की शाम को आयोजित लघु कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें सिंदरी विधानसभा क्षेत्र के निवासी आशीष कुमार सिंह ने शिरकत करते हुए काव्य पाठ किया. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की रचना “रश्मिरथी” के तृतीय सर्ग से कृष्ण की चेतावनी को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हुए आशीष ने दर्शकों के मन पर प्रभाव छोड़ते हुए मानों जैसे उनके अंदर उत्साह एवं उमंग का संचार कर दिया हो. आशीष ने वीर रस की उपरोक्त कविता की पंक्तियों को पढ़ते हुए उसकी व्याख्या भी कि जिसमें से कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर इसमें भी यदि बाधा हो, ‘तो दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम’, ‘हम वहीं खुशी से खाएंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे. दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले ना सका, ‘उलटे हरि को बांधने चला, जो था असाध्य साधने चला’. युधिष्ठिर के अनुरोध पर श्री कृष्णा शांति दूत बनकर कौरवों की सभा में जाते हैं और प्रस्ताव रखते हैं की पांडवों का उनका आधा राज्य लौटा दिया जाए यदि यह भी संभव ना हो तो पांडव पांच गांव प्राप्त करके ही पांडव संतुष्ट रह लेंगे ,परंतु दुर्योधन प्रस्ताव की अवहेलना कर देते हैं और भगवान श्री कृष्ण को ही बांधने का प्रयास करते हैं जिसमें उन्हें असफलता हाथ लगती है और श्री कृष्ण क्रोधित होकर कौरवों के उस सभा में अपना विकराल एवं विकट रूप प्रस्तुत करते हैं और दुर्योधन को भविष्य की महासमर की चेतावनी देते हुए पुनः पांडवों की शिविर में लौट जाते हैं. इसी घटनाक्रम को रश्मिरथी काव्य संग्रह के अंश कृष्ण की चेतावनी मैं समाहित किया गया है.