गिरिडीह प्रतिनिधि – रिंकु कुमार
गिरिडीह। मनरेगा के साफ मकशद है कि गरीब मजदूरों को काम मिले।इसके लिए सरकार ने रोजगार की गारंटी के लिए मनरेगा योजना लाया।पर पीरटांड़ में यहां मजदूरों के बजाय जेसीबी से काम कराया जा रहा है।इसका ताजा उदाहरण पीरटांड़ प्रखंड के खुखरा पंचायत में देखने को मिला है।इसी पंचायत में मसरफ अंसारी के जमीन में तालाब निर्माण नामक योजना का संचालन किया जा रहा है।जिसमे रविवार को दिनदहाड़े जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया और मजदूरों का हक मारा गया।इस घटना के बाद खुखरा के लोगों में आक्रोश है।हालांकि अभी तक इससे संबंधित केवल जेसीबी मशीन उपयोग का दो वीडियो व दो फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।पर किसी ने लिखित शिकायत अधिकारियो को नही दिए हैं।खुखरा पंचायत में बन रहे इस तालाब में जेसीबी मशीन उपयोग की जागरण ने सोमवार को पड़ताल की तो मामला सच पाया गया।सोमवार लगभग 12 बजे उसी तालाब में 21 मजदूरों को काम करते देखा गया जो जेसीबी से हुए मिट्टी कटाई के निशान को मिटा रहे थे।स्थल निरीक्षण के बाद पता चला कि इस तालाब को पूरी तरह से जेसीबी से खुदवाया गया है।बाद में मजदूर लगाकर निशान को मिटाया गया है।बता दें कि पीरटांड़ में मनरेगा में खूब गड़बड़ झाला हो रहा है।और इसी गड़बड़झाले को ले कई बार कार्रवाई भी हो चुकी है और निवर्तमान बीपीओ दीपक कुमार का तबादला भी किया गया पर यहां सुधार होने का नाम नही ले रहा है।खुखरा के तालाब में जेसीबी के उपयोग के बाबत मुखिया सुनैना पाठक ने कहा कि इस तालाब में दो सप्ताह से काम बंद है ।मुखिया को फंसाने के लिए साजिश के तहत जेसीबी लगाकर तस्वीर लेकर वायरल की गई है।रोजगार सेवक इयाजुल अंसारी ने बताया कि मुखिया चुनाव को ले मुखिया को बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया है।पहले जितनी राशि की निकाशी हुई है सभी मजदूरों से कराया गया है।अभी तालाब का काम बंद था ऐसे में जेसीबी के प्रयोग का मामला जानबूझकर बनाया गया है।ये है मामला खुखरा पंचायत में वर्ष 2021-22 के तहत 482000 की लागत से तालाब का निर्माण किया जा रहा है।जिसमे रविवार को जेसीबी मशीन लगाकर तालाब की खुदाई की गई।जिसका फोटो व वीडियो किसी ने बना लिया और वायरल कर दिया।धीरे धीरे यह मामला सोमवार तक पूरे क्षेत्र में फैल गया।इस तालाब में अभी तक 12 किश्तों में 112575 हजार रुपये की निकाशी हो गयी है।रोजगार सेवक ने कहा है कि अभी इस तालाब में दो सप्ताह से काम बंद है।ऐसे में लोगो ने सवाल उठाए हैं कि अगर काम बंद है तो मशीन का उपयोग के बाद लीपापोती के लिए सोमवार को मजदूर क्यों लगाए गए।सोमवार को तालाब में लगे मजदूरों ने ने भी बताया है कि इस तालाब में जेसीबी का उपयोग हुआ है जिसे मिटाने के लिए वे लोग लगे हैं।मजदूरों ने यह भी कहा कि मेट का नाम कंचन देवी है जो कभी निर्माण स्थल पर नही आई ।निर्माण स्थल पर न ही मेडिकल किट दिखा और न ही पानी।इस तरह मनरेगा में मनमानी साफ दिखाई दी।