हाईकोर्ट ने समरी लाल बाल्मीकि के पक्ष में दीया फैसला


भूली । कांके विधायक समरी लाल बाल्मीकि को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहे विवाद कॉल जस्टिस राजेश शंकर के अदालत में राज्य जाति छानबीन समिति के उस आदेश को रद्द कर दिया इसमें समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को अवैध बताया था माननीय कोर्ट ने समरी लाल जाति प्रमाण पत्र को वेद बताया है इसी के साथ सभी विवादों पर विराम लगा दिया । कोर्ट द्वारा फैसले से समरी लाल बाल्मीकि के साथ-साथ पूरे प्रदेश के बाल्मीकि समाज की जीत हुई है इस आदेश पर पूरा प्रदेश के बाल्मीकि समाज हर्ष व्यक्त किया और समरी लाल को बधाई दी साथ ही साथ हाईकोर्ट का बहुत-बहुत आभार प्रकट किया इस फैसले से बाल्मीकि समाज को और मजबूती मिलेगी ।
प्रदेश महामंत्री गंगा बाल्मीकि ने बताया कि यह जीत पूरे प्रदेश की बाल्मीकि समाज की जीत है हम समरी लाल बाल्मीकि को बहुत-बहुत बधाई देते हैं साथ ही साथ माननीय कोर्ट का भी आभार प्रकट करते हैं। पूरे प्रदेश के बाल्मीकि समाज के संगठन कई वर्षों से जाति प्रमाण पत्र को लेकर सरकार से अपील करती रही है ।
बधाई देने वालों में श्याम बिहारी काकड़ा , गंगा बाल्मीकि, अजय कुमार चौधरी उर्फ गुड्डू चौधरी, शंकर बाल्मीकि, राजू ढकिया, जगदीश राम, विश्व बाल्मीकि, हनुमान राम, शिव राम, हजारीलाल बाल्मीकि, मंगल वाल्मीकि, दिलीप राम, वाल्मीकि राम, अवतार काघड़ा, विशाल बाल्मीकि, किशोरी लाल, राजेंद्र वाल्मीकि, राहुल बाल्मीकि, बजरंग बाल्मीकि, सुमित बाल्मीकि, मंगल वाल्मीकि, दीपू बाल्मीकि आदि शामिल थे।

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