झारखंडी संस्कृति को आगे बढ़ाने की जरूरत–आशा देवी


बलियापुर : आदिवासी कुड़मी युवा मंच बलियापुर के बैनर तले विराट टुसु महोत्सव का आयोजन किया गया। इसको लेकर बलियापुर उच्च विद्यालय बलियापुर मैदान से बलियापुर बाजार होकर एक टुसु शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में हजारों महिलाएं और पुरुष टुसु गीत संगीत पर नाचते गाते चल रहे थे। इस दौरान दर्जनों टुसु चौड़ल को लेकर लोग शोभा यात्रा में चल रहे थे। सिंदूरपुर जोड़ियां में पहुंच कर शोभा यात्रा को समाप्त किया गया। आज के कार्यक्रम में टुसु परब में झारखंडी सांस्कृतिक लोक नृत्य झूमर, नटुआ, पाता नाच, और टुसु गीतों पर नृत्य कर झारखंडी संस्कृति का परिचय कराया गया। जैसा कि किसान और विशेष कर कुड़मी कबीला के बीच बारह मासे तेरह परब प्रचलित है और उनमें टुसु परब का विशेष स्थान है। किसान धान की फसल घर लाने और अगहन संक्रांति को डिनिमाय को घर लाने के उपरांत टुसु का स्थापना किया जाता है। नई फसल घर आने की खुशी में घर में पीठा पकवान बनाया जाता है। फिर पूरे एक महीना टुसु को गीत संगीत के माध्यम से जगाया जाता है और पौष संक्रांति को चौड़ल (पालकी) में बिठाकर टुसु का भासान किया जाता है। ये सारी झांकी को आज दिखाया गया।

आज के कार्यक्रम में बलियापुर प्रखंड उप प्रमुख आशा देवी महतो, सीमा महतो, तारा देवी, कुसुम महतो, गेंदा कुमारी, शर्मिला देवी, किरण कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, नीलम कुमारी, प्रतिमा कुमारी, संगीता कुमारी, स्वपन कुमार महतो, चौधरी चरण महतो, विश्वजीत महतो, राधेश्याम महतो, रवि केडवार, राजकुमार महतो, निरीश महतो, जगन्नाथ महतो, शिव प्रसाद महतो, सरियान कडूवर, सिदाम केटियर, शंकर महतो, उमेश कुमार महतो, धीरन महतो, अरुण महतो, अजय महतो, गोपाल महतो, आदि उपस्थित थे।

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