किसानों के विकास से ही देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ
गम्हरिया। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जोनल रिसर्च स्टेशन के वरीय वैज्ञानिक सह एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. प्रदीप प्रसाद ने कहा कि देश में उन्नत कृषि तकनीकी से खेती की तश्वीर बदल रही है। किसान आर्थिक रूप से तरक्की की ओर अग्रसर है। उनकी आमदनी में तीन से चार गुणा का बदलाव आ रहा है। इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम किसानों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है। इस प्रणाली को अपनाकर छोटे एवं सीमांत किसान अधिक उपज वाली फसलों के साथ मशरूम, सब्जियां, फल, दूध, अंडे समेत अन्य लाभदायक उत्पाद पैदा कर बेहतर आय का उपार्जन कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की ग्यारहवीं बैठक को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि किसानों के विकास से ही देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सकती है। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र की भूमिका सबसे अहम है। कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसान प्रत्येक स्तर की जानकारी प्राप्त कर अपनी समस्या को दूर कर रहे है। इस अवसर पर आत्मा के डिप्युटी डायरेक्टर विजय कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में कृषि के क्षेत्र में झारखंड काफी आगे बढ़ चुका है। खाद्यान्नों के उत्पादन में 30 लाख टन से बढकर 55 लाख टन पहुंचकर आत्म निर्भर बन चुकी है कहा कि कृषि तकनीकी से सिंचित क्षेत्र वर्तमान में 18 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है। उन्होंने जल संचयन की दिशा में आगे बढ़ने की अपील करते हुए डेयरी, पशुपालन, उद्यान समेत कई महत्त्वपूर्ण सुझाव से किसानों को अवगत कराया। बैठक में केवीके प्रमुख सह वरीय वैज्ञानिक अरविंद मिश्रा ने वैज्ञानिकों एवं समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने किसानों के उत्तरोत्तर विकास में विज्ञान केंद्र के प्रयासों की सराहना की। बैठक में वरीय वैज्ञानिक डॉ. किरण सिंह, जेटीडीएस के डीपीएम नीरज नयन, डॉ. एसएस मुंडा, डा. पंकज सेठ, डॉ. लिली मैक्सिमा किस्पोट्टा, आदि ने कई सुझाव दिए। इस अवसर पर किसान सलाहकार समिति के अध्यक्ष सोखेन हेम्ब्रम, डॉ.मंडल, राजीव रंजन तिवारी, संगीता टुडु, चैतन्य मुर्मू, कुनु हेंब्रम, गौरीशंकर टुडु, हीरा हेम्ब्रम कुमार, आरपी मजूमदार, दीपक किस्कू, रंजन कुमार सुशील पूर्ति समेत काफी संख्या में सलाहकार समिति के सदस्य उपस्थित थे।