भुली/ भुली के शिवपुरी स्थित सद्भावना एनजीओ के कार्यालय में नाबार्ड और बैंक ऑफ इंडिया के तत्वाधान में वित्तीय सहायता केंद्र के माध्यम से स्वयं सहायता समूह को वित्तीय लेन देन और प्रक्रिया को लेकर जानकारी साझा की गई। सद्भावना एनजीओ के सचिव रंजीत कुमार उर्फ बिल्लू ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रोजगार सृजन करना और आर्थिक रूप से महिलाओं को सशक्त व संबल प्रदान करने के लिए विभिन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व वरीय प्रबंध राजेन्द्र प्रसाद से जानकारी साझा की ।
बैठक को संबोधित करते हुए राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने व संबल प्रदान करने में बैंकों की अहम भूमिका होती है। बैंकों से कम दर पर ऋण उपलब्ध होने छोटे क़िस्त से महिलाओं को रोजगार सृजन को लेकर प्रेरित करता है। महिलाओं में उद्यमशीलता होती है उसे बाहर लाने की जरूरत है। स्वयं सहायता समूह को बैंक आसान तरीके से ऋण देती है। जिससे महिलाएं रोजगार सृजन भी कर सके और आर्थिक रूप से विकसित भी हो सके।
बैठक में मधुमती सिंह, तारा देवी, बबिता गुप्ता, राधा देवी, संजीता एक्का, बद्रिका देवी, संध्या देवी, रीना कुमारी, पूनम सिंह, लीला देवी, सवित्री देवी, प्रीति कुमारी सिन्हा, सुनीता सिंह, अशोक गुप्ता, रीना देवी आदि मौजूद थी
महिलाओं को सशक्त बनाने में बैंक की अहम भूमिका – राजेन्द्र प्रसाद
भुली। भुली के शिवपुरी स्थित सद्भावना एनजीओ के कार्यालय में नाबार्ड और बैंक ऑफ इंडिया के तत्वाधान में वित्तीय सहायता केंद्र के माध्यम से स्वयं सहायता समूह को वित्तीय लेन देन और प्रक्रिया को लेकर जानकारी साझा की गई। सद्भावना एनजीओ के सचिव रंजीत कुमार उर्फ बिल्लू ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रोजगार सृजन करना और आर्थिक रूप से महिलाओं को सशक्त व संबल प्रदान करने के लिए विभिन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व वरीय प्रबंध राजेन्द्र प्रसाद से जानकारी साझा की ।
बैठक को संबोधित करते हुए राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने व संबल प्रदान करने में बैंकों की अहम भूमिका होती है। बैंकों से कम दर पर ऋण उपलब्ध होने छोटे क़िस्त से महिलाओं को रोजगार सृजन को लेकर प्रेरित करता है। महिलाओं में उद्यमशीलता होती है उसे बाहर लाने की जरूरत है। स्वयं सहायता समूह को बैंक आसान तरीके से ऋण देती है। जिससे महिलाएं रोजगार सृजन भी कर सके और आर्थिक रूप से विकसित भी हो सके।
बैठक में मधुमती सिंह, तारा देवी, बबिता गुप्ता, राधा देवी, संजीता एक्का, बद्रिका देवी, संध्या देवी, रीना कुमारी, पूनम सिंह, लीला देवी, सवित्री देवी, प्रीति कुमारी सिन्हा, सुनीता सिंह, अशोक गुप्ता, रीना देवी आदि मौजूद थी