एनटीपीसी ने रेलवे को लिखा पत्र , परीक्षा का नाम बदलने की मांग की

जमुई , बिहार / संवाददाता / चुन्ना कुमार दुबे / देश के सबसे बड़े बिजली उत्पादक एनटीपीसी ने 24 जनवरी को बिहार में हुए विवाद के बीच रेलवे बोर्ड द्वारा आयोजित अपने गैर – तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) परीक्षाओं के नाम को बदलने के लिए रेलवे को पत्र लिखा है। बीते दिनों कई छात्रों ने आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा को लेकर कुछ अनियमिताओं का दावा करते हुए प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने बिहार के कई रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोककर विरोध जताया था। 
छात्रों ने आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए परीक्षा के परिणामों पर सवाल उठाए थे।  
वहीं राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने पत्र लिखकर रेलवे को कहा है कि वह अपने नॉन टेक्निकल पॉपुलर श्रेणियों (एनटीपीसी) की परीक्षा का नाम बदले। एनटीपीसी ने यह पत्र इसलिए लिखा है कि छात्रों ने परीक्षा और उसके परिणामों पर सवाल उठाने के बाद प्रदर्शन किया और उसके बाद बेवजह एनटीपीसी की बदनामी हो रही है। रेलवे की परीक्षा और बिजली उत्पादक कंपनी का एक नाम होने से यह समस्या हो रही है। एनटीपीसी की छवि बेवजह इससे धूमिल हो रही है। कई लोगों को ऐसा भी लगने लगा है कि यह परीक्षा राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) से संबंधित है , जबकि ऐसा नहीं है।
रेलवे की आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा पिछले एक सप्ताह तक काफी चर्चा में रही है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि इस परीक्षा में कुछ अनियमिताएं हुई है। छात्रों ने 24 जनवरी को कई जगहों पर प्रदर्शन किया था। बिहार में विभिन्न जगहों पर हुए प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच तनातनी भी हुई थी। इसके बाद बिहार पुलिस ने खान सर और अन्य कोचिंग सेंटरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया। इन पर आरोप है कि इन्होंने 400 अज्ञात लोगों के साथ कथित तौर पर हिंसा भड़काई। छात्रों के विरोध के बाद रेलवे ने परीक्षा को स्थगित कर दिया है। उम्मीदवारों की शिकायतों का समाधान अब एक समिति करेगी , इस समिति का गठन कर दिया गया है। 
बिजली उत्पादक कंपनी राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने पत्र में रेलवे से कहा है कि उसकी तरफ से इस मामले पर उचित कदम उठाया जा रहा है। हालांकि मीडिया में एनटीपीसी का नाम खबरों में शामिल हो रहा है। जिससे एनटीपीसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। एनटीपीसी ने कहा कि भविष्य में इस तरह की कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और न ही लोगों के बीच ऐसी धारणा बननी चाहिए। इसलिए इस परीक्षा का नाम बदला जाना महत्वपूर्ण है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि इस परीक्षा का पूरा नाम स्पष्ट रूप से लिखा जाए , जिससे इंटरनेट मीडिया मे लोगों के समक्ष जनता के बीच किसी भी रूप से कोई गलतफहमी न हो। 

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