दर्जनों साइकिल तथा लगभग 15 से 20 टन अवैध कोयला जप्त

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जारंगडीह रेलवे साइडिंग से हो रही अवैध कोयला की ढुलाई पर बोकारो थर्मल पुलिस ने छापामारी अभियान चला की कार्रवाई।

छापामारी अभियान में जप्त की गई दर्जनों साइकिल तथा लगभग 15 से 20 टन अवैध कोयला

राजेश मिश्रा

बोकारो /जारंगडीह। जारंगडीह-बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र अंतर्गत जारंगडीह रेलवे साइडिंग से हो रही कोयले की अवैध ढुलाई पर रविवार को बोकारो थर्मल थाना प्रभारी रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में बड़ी कार्रवाई करते हुए छापामारी अभियान चलाया गया और छापामारी अभियान के दौरान दर्जनो साइकिल तथा 15 से 20 टन कोयला जप्त किया गया और जप्त साइकिल को बोकारो थर्मल थाना ले जाया गया जबकि जप्त कोयला को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में ही लोडर से कोयला का उठाव कराकर हाईवा के की मदद से स्थानीय सीसीएल प्रबंधन को सौप दिया गया।साथ ही इस दौरान बोकारो थर्मल थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी तरह का अवैध धंधा को संचालित होने नहीं दिया जाएगा गश्ती के दौरान अक्सर यह सूचना मिलती थी की अवैध रूप से कोयले की ढुलाई किया जा रहा है जिस मामले पर त्वरित रूप से कार्रवाई करते हुए स्पेशल टीम गठित कर छापामारी अभियान चलाया गया। इतना ही नहीं कोयले की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड तथा सीसीएल के सुरक्षा गार्डों को भी बोकारो थर्मल थाना प्रभारी ने फटकार लगाई तथा सख्त हिदायत दी अगर कोयला की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी द्वारा लापरवाही बरती गई तो वे भी बख्से नहीं जाएंगे छापामारी अभियान में बोकारो थर्मल थाना,गोमिया थाना,कथारा ओपी थाना के पुलिस बल तैनात थे।

दिन के उजाले से रात के अंधेरे तक होती है अवैध कोयले की ढुलाई- बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र अंतर्गत जारंगडीह रेलवे साइडिंग से दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक धड़ल्ले से होती है अवैध कोयले की ढुलाई सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के माने तो उक्त अवैध कोयले की ढुलाई में सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों की भी मिलीभगत से ही उक्त अवैध धंधा फल फूल रहा है। जारंगडीह रेलवे साइडिंग के बगल स्थित 16 नंबर कॉलोनी, मांझी टोला, तथा खेतको के रास्ते पेटरवार , जारंगडीह पुल होते हुए चलकरी के रास्ते कभी भी अवैध कोयला की ढुलाई सहजता के साथ होता देखा जा सकता है। जबकि विडम्बना देखने को यह मिलता है कि उन सभी रास्तों से जिला के कई प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है। अब सवाल उठता है कि आखिर उक्त अवैध धंधों पर पूर्ण रूप से कब विराम लगेगी।

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