सरायकेला / सरायकेला प्रखंड के कृष्णापुर गांव में “मनरेगा श्रमिकों का द्विदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (28 से 29 नवम्बर,2021) का आयोजन श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय -जमशेदपुर के तत्वावधान में किया गया। बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी श्री राज किशोर गोप ने समापन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत भारत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करने, पलायन रोकने तथा गरीबी दूर करने के उद्देश्य से 2005 में इस अधिनियम को पारित किया गया है। मनरेगा कोई योजना नहीं बल्कि एक कानून है ।इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के जॉब कार्ड धारियों को पंचायतों के माध्यम साल में 100 दिन काम देने का प्रावधान है। श्रमिक काम तथा जॉब कार्ड बनाने के लिए आवेदन अपने पंचायत के ग्राम रोजगार सेवक को दे सकते हैं।आवेदन देने के 15 दिन के अंदर काम नहीं मिलने पर आवेदक को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का प्रावधान है।
आगे श्री गोप ने मनरेगा श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल के अन्तर्गत असंगठित श्रमिकों का डाटा बेस में निबन्धन कर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्राप्त करने हेतु प्रज्ञा केन्द्र/सी एस पी में निबन्धन कराने का सुझाव दिया ताकि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भविष्य में मिल सके। मौके पर गौड़ सेवा संघ के जिला सचिव मुरलीधर प्रधान भी ने अपने संबोधन में कहा कि जागरूकता के बिना श्रम शक्ति का कल्याण नहीं किया जा सकता है।इस कार्यक्रम में भेलैदिह,कृष्णापुर तथा डुंगरीडीह के 25 पुरुष तथा 15 महिला मनरेगा श्रमिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक श्री हेमसागर प्रधान ने किया । उन्होंने मनरेगा का जॉब कार्ड बनाने के तरीके, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा आयुष्मान भारत योजना के बारे में प्रतिभागियों को जरूरी जानकारी दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम प्रधान केशव प्रधान,आशीष प्रमाणिक, सुग्रीव प्रधान,दुर्योधन प्रधान,महेश प्रधान, जल सहिया पवित्रा देवी ,संतोषी देवी आदि का सराहनीय योगदान रहा।