30 अगस्त को गेट जाम, प्रदर्शन एवं अनिश्चितकालीन आंदोलन को लेकर ज्ञापन सौंपने टीजीएस गेट पहुंचे झामुमो कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलने पर वे भड़क उठे। टाटा स्टील ग्रोथ शॉप प्रबंधन पर नकारात्मक व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कंपनी गेट को करीब डेढ़ घंटे तक जाम कर दिया। दोपहर को करीब साढ़े बारह से लेकर दो बजे तक रहे गेट जाम से कंपनी में अफरातफरी मच गई। टीजीएस से लेकर टाटा स्टील तक गेट जाम की खबर फैलते ही सुरक्षा विभाग से लेकर अन्य अधिकारी गेट पर पहुंचकर वस्तुस्थिति को नियंत्रित करने में जुट गए।
गेट जाम की खबर सुन पहुंचे अधिकारी
इस दौरान ए शिफ्ट के कामगार घर वापसी के लिए अंदर फंसे रहे, वहीं बी शिफ्ट के कामगारों का काफिला भीतर प्रवेश के लिए बाहर जमा हो गया। मामले की सूचना मिलते ही जमशेदपुर से टाटा स्टील के एच आर मैनेजर आनंद गौतम भागे भागे कंपनी गेट पहुंचे। गेट जाम में लगे झामुमो पदाधिकारियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए पूरे मामले से अवगत कराया। गौतम ने उनकी मांग पत्र को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। मांग पत्र सौंपने के बाद गेट जाम समाप्त हो गया।
9 अगस्त को किया था सांकेतिक प्रदर्शन
राज्य के शत प्रतिशत आदिवासी-मूलवासियों को एप्रेंटिस में भर्ती करने, टीजीएस परिसर की एक हजार एकड़ भूमि को रैयतदारों को वापस झरने एवं 11 डिसमिल जमीन को सेंट्रल जाहेरगाड़ समिति को वापस करने की मांग को लेकर झामुमो जिलाध्यक्ष डॉ. शुभेन्दू महतो के नेतृत्व में पिछले 9 अगस्त को कंपनी गेट पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया था। उक्त तिथि को कंपनी प्रबंधन को ज्ञापन नहीं सौंपा गया था।
क्यों भड़के झामुमो कार्यकर्ता
क्यों भड़के झामुमो कार्यकर्ता
बुधवार को जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने जब झामुमो एवं जाहेरगाड़ समिति के करीब एक दर्जन से अधिक सदस्य टीजीएस गेट पर पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने पहले उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। बाद में उन सभी को आधे घंटे तक इंतजार करवाते हुए कनीय कर्मचारियों को ज्ञापन प्राप्त करने के लिए भेज दिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर वे सभी कंपनी के वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। किन्तु कंपनी प्रबंधन के वरीय अधिकारी के नहीं आने पर सभी गेट जाम कर दिया। कहा कि झामुमो एवं जाहेरगाड़ समिति के सदस्यों को प्रबंधन की ओर से की जा रही बेइज्जती बर्दास्त नहीं हुई, लिहाजा उन्हें गेट जाम पर उतरना पड़ा।
जमीन वापसी की 10 दिनों की प्रबंधन को मोहलत
प्रबंधन को सौंपे ज्ञापन में 10 दिनों में रैयतों की एक हजार एकड़ एवं जाहेरगाड़ स्थान की 11 डिसमिल जमीन हर हाल में वापस करने का अंतिम अल्टीमेटम दिया गया है। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो 30 अगस्त को कंपनी गेट जाम एवं प्रदर्शन के साथ अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी गयी है।
ये थे उपस्थित
इस दौरान जिलाध्यक्ष डॉ. शुभेन्दू महतो, जाहेरगाड़ समिति के सचिव भोमरा मांझी, जिला उपाध्यक्ष अमृत महतो, मोहन बास्के, दुबलाल महतो, उदय मार्डी, अनिल सोरेन, जगदीश महतो, मंगल मांझी, रवि सरदार, निरंजन महतो आदि उपस्थित थे।