स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से दो माह की बच्ची की मौत के मामले को दुर्ग जिला प्रशासन कर रही है लीपापोती

0 Comments

दुर्ग /भिलाई /(संवाददाता : अभिषेक शावल) दो माह की बच्ची की मौत के मामले जिला प्रशासन और दुर्ग जिला अस्पताल प्रबधन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है, आपको याद होगा 25 और 26 अप्रेल जब दुर्ग जिला स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते 2 माह की रूही ने एम्बुलेंस में आखिरी सांसे ली थी, जो मामला अख़बारों और टीवी चैनलों में प्रमुखता से प्रसारित किया गया था,

बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को लेकर सिटी कोतवाली थाना, दुर्ग जिला मुख्यचिकित्सा अधिकारी समेत जिला कलेक्टर को भी शिकायत पत्र देकर बच्ची के इलाज़ में हुई लापरवाही की जांच की मांग की थी, लेकिन हमेशा की तरह जिला प्रशासन ने मामले में लीपापोती करते हुए पुरे मामले को ही मानवीय त्रुटी बताकर डस्टबिन में दाल दिया ! अब जब कोरोना से हुई मौतों की सूची जारी की गई तो उसमे बच्ची रूही का नाम नहीं होने से मामला एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है !

आइये इस पुरे मामले पर एक बार फिर नजर डालते है और जानने का प्रयास करते है कि दुर्ग जिला अस्पताल के द्वारा की गई लापरवाही मानवीय चुक की श्रेणी आएगी या फिर बड़ी लापवाही जिला स्वास्थ्य विभाग की मानवीय चुक कहेंगे या बड़ी लापवाही  2 माह की बच्ची रूही को 25 अप्रेल को दुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहा रूही का प्राथमिक उपचार किया गया लेकिन बच्ची की हालत बिगड़ती देख जिला अस्पताल के डॉक्टर द्वारा परिजनों से यह बोल दिया गया कि अस्पताल में बच्चों के लिए वेंटीलेटर नहीं है, इसलिए दुसरे अस्पताल रिफर करना पढ़ेगा, जबकि 4 साल से जिला अस्पताल में  बच्चों का वेंटीलेटर उपलब्ध है इसकी जानकारी स्वंय जिला अस्पताल में जिम्मेदार अधिकारी सिविल सर्जन ने ओन रिकॉर्ड दी थी, क्या ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार दुर्ग जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन नहीं है ?    

2 माह की बच्ची की पर्ची पर डॉक्टर के द्वारा कोरोना पॉजिटिव के साथ बच्ची की उम्र 20 साल लिख दिया गया, जिसके चलते बच्ची रिफर किये गए रायपुर पंडरी जिला अस्पताल में बच्ची को समय से इलाज नहीं मिल पाया, और कोरोना की रिपोर्ट दुसरे दिन 4 बजे जब मोबाइल पर आई तो रिपोर्ट नेगेटीव थी, जिसको शिकायत के बाद मैनुवाली एंट्री कर पॉजिटिव बना दिया गया, अब जिला प्रशासन द्वारा कोरोना से मृत हुए लोगो की सूची में रूही के नाम का ना होना भी इस बात को प्रमाणित कर रहा है ! क्या ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार दुर्ग जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन नहीं है ?    

            जिला स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के अनुसार ड्यूटी डॉक्टर को रिफर हायर सेंटर में किया जाना था और किसी को भी जब गंभीर हालत में जब रिफर किया जाता है और वह भी कोरोना के मामले में, तो पहले जिस अस्पताल में रिफर किया जाना है वहा पर उसके इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए थी, लेकिन गैरजिम्मेदार रवैया अपनाते हुए ड्यूटी डॉक्टर ने यह भी जानने का प्रयास नहीं किया की उस अस्पताल में कोविड मरीज का इलाज होगा भी या नहीं, क्योकि जब परिजन रूही को वहा लेकर पहुचे तो अस्पताल में कोविड मरीज को देखने से मना कर दिया, जिसके चलते रूही को समय से इलाज नहीं मिला ! क्या ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार दुर्ग जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन नहीं है ?    

            108 एम्बुलेंस में रूही ने एक अस्पताल से दुसरे अस्पताल और दुसरे अस्पताल से तीसरे अस्पताल के चक्कर लगाते लगाते आखिरकार रायपुर मेकाहारा के सामने आधे घंटे से खड़ी 108 में ही दम तोड़ दिया, वही परिजनों मेकाहारा के डॉक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी डॉक्टर ने बच्ची को देखने में दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योकि बच्ची की पर्ची पर कोरोना पॉजिटिव लिखा हुआ था, हद तो तब हो गई जब मृत बच्ची के शव को 108 के ड्राईवर यह कहकर परिजनों को सौप दिया कि अपनी निजी व्यवस्था से आप शव को घर लेकर जाए और वो ये कहकर चला गया, जो भी इस बात का प्रमाण हो सकता है की बच्ची कोरोना पॉजिटिव नहीं थी, क्योकि अगर कोरोना पॉजिटिव होती तो 108 को प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शव को अस्पताल को सौपना चाहिए था परिजनों को नहीं !

इस पूरे मामले को लेकर आज परिजनों ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से मुलाकात कर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इस भारी लापरवाही जिसे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सिर्फ एक मामूली त्रुटि बता रहा है इस विषय से उन्हें अवगत करवाया । नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसे भारी लापरवाही बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के ऊपर स्वास्थ्य विभाग के दोषीयो को बचाने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग रखी।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *