सरिया | शनिवार को सरिया कॉलेज, सरिया में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर ‘ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ संतोष कुमार लाल ने किया। इन्होंने कहा कि हमें भविष्य को ध्यान में रखकर पर्यावरण सन्तुलन के प्रति जागरूक बनना होगा क्योंकि मानवीय गतिविधियाँ बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारक हैं। ऊर्जा संरक्षण के लिए हम छोटे-छोटे प्रयास से ही आगे बढ़ सकते हैं।
विद्यार्थियों को ऊर्जा संरक्षण के उपाय से अवगत कराया। डॉ. प्रमोद कुमार ने मुख्य विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि वैसे तो जलवायु परिवर्तन कुदरती तौर पर होता है, परन्तु मानवीय गतिविधियों, औद्योगिक क्षेत्र आदि गतिविधियों से आज बहुत तेजी से जलवायु परिवर्तन होता देखा जा सकता है। इसका मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग का तेजी से बढ़ना है। जागरूकता के अभाव में आज हमारे ग्रहों के औसत तापमान में लगातार वृद्धि हो रहा है। जीवाश्म ईंधन के अनुचित उपयोग, वनों की कटाई, औद्योगीकरण आदि से ही ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहे हैं। असमय जलवायु परिवर्तन से प्राकृतिक आपदाएँ भी बढ़ रही हैं। जीवाश्म ईंधन के बचाव, अपेक्षाकृत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के अधिक उपयोग पर जोर देने की बात कही। वहीं डॉ शिलेष मोहन ने ग्रीन हाउस प्रभाव के प्रमुख कारकों पर विस्तार से चर्चा किया।
इन्होंने जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में विश्व तथा देश स्तर की उपलब्धियों एवं योजनाओं पर भी चर्चा की। भविष्य में हानिकारक गैसों एवं बढ़ते तापमान पर सन्तुलन बनाने के उपाय को भी बताया। मुख्य विषय पर उपस्थित विद्यार्थियों के साथ संवाद भी हुआ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रमोद कुमार ने किया। इस अवसर प्रो. रघुनंदन हजाम, डॉ आशीष कुमार सिंह, प्रो. आसित दिवाकर, डॉ स्वेता, प्रो. अल्का रानी जोजो, प्रो. जितेंद्र कुमार समेत काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित हुए।