मुंबई | मध्य रेल का पुस्तकालय किताबें और उनको पढ़ने वालों के लिए एक सच्चा सम्मान है, यह राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस के अवसर का एक जीवंत एवं बेहतरीन उदारण प्रस्तुत करता है ।
भारत में ‘पुस्तकालय विज्ञान के जनक’ के रूप में जाने जाने वाले महान पुस्तकालयाध्यक्ष और गणितज्ञ पद्मश्री श्री एस आर रंगनाथन की जयंती के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस मनाया जाता है।
मध्य रेल के पुस्तकालय (लाइब्रेरी) में वर्तमान में पत्रिकाओं सहित 17,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है, जिसका आरंभ 1984 में कुछ सौ पुस्तकों के साथ हुआ था । पुस्तकालय का आरंभ कर्मचारियों में पढ़ने की आदत विकसित करने और उनके ज्ञान का विस्तार करने के उद्देश्य से किया गया था ।
मध्य रेल, मुख्यालय के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, यूनेस्को विश्व धरोहर भवन के भूतल पर स्थित पुस्तकालय में अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में कथा, गैर-कथा, साहित्य, जीवनी और अन्य विषयों सहित विविध विषयों पर पुस्तकें हैं। इसमें प्रेमचंद, आर के नारायण, एनिड ब्लाइटन, अगाथा क्रिस्टी, अमीश त्रिपाठी, चेतन भगत, तरला दलाल, श्रीमती सुधा मूर्ति, रॉबिन शर्मा और कई अन्य प्रसिद्ध लेखकों और जानी-मानी हस्तियों की रचनाएँ शामिल हैं।
शानदार एवं पर्याप्त पढ़ने की जगह और मात्र 50/- रुपये प्रति माह की मामूली सदस्यता मूल्य के साथ मध्य रेल का पुस्तकालय हजारों मध्य रेल कर्मचारी सदस्यों की सेवा करती है, जिन्हें परिसर में पढ़ने या अपनी सुविधानुसार पढ़ने के लिए किताबें घर ले जाने की सुविधा प्रदान करती है ।
आज के इंटरनेट, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न चैट ऐप से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद मध्य रेल का यह पुस्तकालय (लाइब्रेरी) किताबों और पढ़ने के माध्यम से ज्ञान और जानकारी प्राप्त करने की पारंपरिक अवधारणा को जीवित रखने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ता से बनी हुई है।