गया कॉलेज के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को नशा मुक्ति के लिए शपथ दिलवाई : प्राचार्य

राष्ट्र को नशा मुक्त लाईन मे युवाओ की भूमिका अहम है : डॉ धनंजय धीरज

गया। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निर्देश पर पूरे भारत के स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में नशा मुक्ति अभियान के तहत 12 अगस्त को प्रातः 9:00 बजे पूरे भारत में नशा मुक्ति के लिए एक शपथ का आयोजन किया गया है।

इस अभियान का विषय: “विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशा से स्वतंत्र” पर आधारित था।गया कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो डॉ सतीश सिंह चंद्र की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला प्रशासन की तरफ से एडीडीपी सह एडीसीपी प्रभार अविनाश कुमार एवं मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ रामदेव प्रसाद उपस्थित थे।

प्रधानाचार्य ने मुंशी प्रेमचंद सभागार में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को नशा मुक्ति के लिए शपथ दिलवाई और कहा की नशा को हमें अपने समाज परिवार ,जिला एवं राज्य के साथ-साथ पूरे देश से समाप्त करना है ,इसलिए युवाओं की जिम्मेदारी अहम है ।हम समाज के हर एक व्यक्ति को नशा के प्रति जागरूक करें और जो नशा की चपेट में आ गए हैं उन्हें नशा से मुक्ति दिलाए।

मुख्य अतिथि अविनाश कुमार ने अपने छात्र जीवन के अनुभव को साझा करते हुए छात्रों को बतलाया कि उन्होंने स्वयं अपने कई मित्रों को नशा की लत से बाहर निकाला है और वे आज अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं ।उन्होंने इस बात पर जोर दिया की नशा मुक्ति कहना बहुत आसान है लेकिन इसको करना बहुत कठिन है। डॉ रामदेव प्रसाद ने नशा के विभिन्न प्रकारों और उसके सेवन से होने वाली हानियों पर प्रकाश डाला है।

इस कार्यक्रम का संयोजन कर रहे राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार मिश्र ने विद्यार्थियों को नशा से दूर रहने और आस पड़ोस में रहने वाले लोगों को नशा के प्रति जागरूक करने एवं गया शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर नशा की चपेट में आए हुए युवाओं बच्चों एवं नागरिकों को मुक्त करने में प्रशासन की सहायता करने की अपील की और जिला प्रशासन के पदाधिकारी द्वारा भी आश्वासन दिया गया कि वह स्वयंसेवकों के माध्यम से इस तरह के कार्यक्रमों में पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।

जनसंपर्क पधाधिकारी डा धनंजय धीरज ने जानकारी साझा करते ही कहा की राष्ट्र को नशा मुक्त लाईन मे युवाओ की भूमिका अहम है। इस कार्यक्रम के उपरांत एक नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया है। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशा के होने वाले दुष्प्रभाव को स्वयंसेवकों के द्वारा प्रदर्शित किया गया है।

इसमें स्मृति , रौशनी, तन्नू ,मधु , सावन अभिषेक,रेवी,अमित ,सौरव ,इश्तियाक , शुभम, चंदन, धीरज, आरूही, विपिन ,श्रेया, शानू नंदिनी ,आरती ,तनीषा ,मधु ,राज किशोर ,अंकित ,आर्यन ,हर्ष , राहुल राज ने सहभागिता की है। गया कॉलेज द्वारा गोद लिए गए स्लम बस्ती वार्ड नंबर 34, पुलिस लाइन में नशा मुक्ति के लिए एक सर्वे कराया गया है ।

जिसमें पता चला की 4 वर्ष से लेकर के 30 वर्ष के उम्र के लोगों में नशा का बहुत ज्यादा फैलाव है हर परिवार में 2 से लेकर 5 सदस्य नशा की चपेट में हैं। इस कार्यक्रम का संचालन नशा मुक्ति कार्यक्रम से जुड़े हुए विशाल राज के द्वारा किया गया है।

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