डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची के खोरठा विभाग में ‘खोरठा भाषा संगोष्ठी’ की हुई सम्पन्न

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तोपचांची | विनय तिवारी खोरठा गीतकार के द्वारा आज दिनांक- 24-जून, 2024 को “खोरठा भाषा संगोष्ठी कार्यक्रम” डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविधालय के खोरठा कक्ष में डॉ. बिनोद कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । संगोष्ठी की शुरुआत डॉ. अवध बिहारी महतो द्वारा सभी का स्वागत करते हुए किया गया । उनके द्वारा “खोरठा भाषा संगोष्ठी” में भाषा की रक्षा, विकास एवं संवर्धन के लिए सबको एक साथ मिलकर मजबूती से योगदान देने की अपील की गई ।

सभी उपस्थित खोरठा भाषाविदों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए । आज के संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे डॉ. विनोद कुमार द्वारा खोरठा साहित्य रचना पर अत्यधिक जोर देने की की बात कही गई । खोरठा भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष कुमारी शशि ने खोरठा क्षेत्र के गांव-गांव तक भाषा की ज्ञान देने पर जोर दिया गया । डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर ने संगठित होकर भाषा को आगे ले जाने पर जोर दिया । सहायक प्राध्यापक दिनेश दिनमनी द्वारा परिषद एवं अन्य संगठनों को और अधिक मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया गया । सहायक प्राध्यापक डॉ. अरविंद कुमार ने पद सृजन के लिए लगने की बात कही गई । डॉ. ऋतु घांसी द्वारा अपने भाषा एवं संस्कृति को पहले की भांति आगे ले जाने की बात रखी गई ।

सहायक प्राध्यापक श्री भुनेश्वर महतो द्वारा मातृभाषा में पढ़ाई करने के लिए जागरूकता लाने की बात कही गई । सहायक प्राध्यापिका श्रीमती कुमारी कंचन वर्नवाल द्वारा खोरठा भाषा के विकास में सभी की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात रखी गई । डॉ. आजाद प्रसाद वर्नवाल द्वारा मजबूती के साथ खोरठा भाषा को बचाकर आगे ले जाने का विचार दिया गया ।वही खोरठा के शोधाार्थी व युवा कवि ने खोरठा भाषा के संरक्षण और संवर्द्धन के एक मजबूत संगठन बनाने की बात कही, साथ ही इसी तरह बैठकी या संगोष्ठी निरन्तर करने के साथ साथ नये नये लोगों को जोड़ने की बात कही है। इस बैठक में उपस्थित शोधार्थियों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए । सभी ने खोरठा भाषा के संरक्षण, विकास और पद सृजन के लिए आगे आकर किसी भी हाल में हासिल करने की बात स्वीकारी ।

अंततः खोरठा भाषा एवं साहित्य के चहुमुखी विकास हेतू विभिन्न पहलूओं को आगे ले जाने का एक स्वर से समर्थन किया गया । इस संगोष्ठी का संचालन शोधार्थी थानेश्वर महतो द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापिका डॉ. अहिल्या कुमारी द्वारा किया गया । उन्होंने शिक्षक प्रक्षिक्षणों में भी खोरठा विषय को जोड़ने के लिए सरकार से मांग करने की बात प्रकट की गई ।
इस “खोरठा भाषा संगोष्ठी” में खोरठा के भाषा के विद्वान, शिक्षाकर्मी, शोधार्थी एवं खोरठा भाषा प्रेमियों ने भाग लिया । इनमें मुख्य रूप से सुशीला कुमारी, शोधार्थी शिव प्रसाद जायसवाल, शोधार्थी उबैदुल्लाह अंसारी, शोधार्थी मनदेव महतो, शोधार्थी अमित कुमार करमाली, शोधार्थी बबलु कुमार महतो, शोधार्थी संदीप कुमार महतो एवं खोरठा भाषा-प्रेमी विक्की कुमार इत्यादि की सरहनीय उपस्थिति रही ।

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