लोयाबाद। अशोक कुमार। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बांसजोडा गडेरिया बस्ती के रैयतो ने साकारमास जोइंट भेंचर आउटसोर्सिंग कंपनी का चक्का जाम किया जिला प्रशासन के द्वारा 144 धारा लगाने के बावजूद भी रैयतो ने 144 का उल्लंघन करते हुए सैकड़ो की संख्या में महिला एवं पुरुषों ने आउटसोर्सिंग कंपनी का काम को बाधित किया |
गौरतलब है कि बाँसजोङा गडेरिया बस्ती के रैयतो ने वहां कार्य कर रहे साकारमास आउटसोर्सिंग कंपनी मैं जमीन के बदले नियोजन की मांग कर रहे थे लेकिन कंपनी के द्वारा कई दौर के वार्ता के बाद भी रैयतो को नियोजन नही दिया गया कंपनी मे नियोजन नही मिलने के कारण ग्रामिण रैयत कंपनी से काफी क्षुब्ध थे फलस्वरूप ग्रामीण रैयतो ने 18 जून को कंपनी को बन्द करने का ऐलान किया 17 जून को ही जिला प्रशासन के द्वारा 144 धारा लगा दिया गया 18 जुन के सुबह से ग्रामीण रैयत साकारमास आउटसोर्सिंग कंपनी के पास सैकड़ो की संख्या में जमा होने लगे |
भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बाद भी रैयतो ने धारा 144 का उल्लंघन करते हुए साकरमास आउटसोर्सिंग परियोजना में प्रवेश कर कंपनी के काम को पूर्णता बंद करवाया स्थिति विस्फोटक न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन बन्द समर्थक और कंपनी के समर्थको को समझाते नजर आए धनबाद के आरक्षी उपाधिक्षक विधि व्यवस्था दीपक कुमार परियोजना स्थल पर मौजूद थे और दोनों ही पक्षों को समझाने बुझाने का कार्य कर रहे थे |
करीब दो घंटा तक कंपनी बंद रहने के बाद बंद समर्थकों को वार्ता के लिए एरिया पांच के महाप्रबंधक के कार्यालय में वार्ता हुई जिसमें बीसीसीएल प्रबंधनों के द्वारा दस दिन का समय लिया गया उसके बाद आउटसोर्सिंग का काम दोबारा शुरू हुआ अब सवाल यह उठता है कि परियोजना स्थल में धारा 144 लगने के बावजूद भी रैयत ग्रामीणों के द्वारा बंदी का ऐलान किया गया था और वह धारा 144 का उल्लंघन करके वह बंद को सफल करने में प्रयास में रहे और बंदी उन्होंने किया भी लेकिन दूसरी तरफ से कांग्रेस पार्टी का झंडा लिए और मुंह में नकाब ढके हुए आखिर वह कौन लोग थे जो कांग्रेस जिंदाबाद का नारा और ढुल्लू महतो को मुर्दाबाद का नारा लगा रहे थे |
क्या उन लोगों पर धारा 144 का उल्लंघन का मामला दर्ज नहीं होना चाहिए आरक्षी उपाधिक्षक दीपक कुमार का कहना है कि बांसजोडा बस्ती के स्थानीय लोगो ने अपनी कुछ मांगो को लेकर कंपनी का चक्का जाम किया स्थानीय लोगो का एक पांच सदस्य की टीम एरिया पांच महाप्रबंधक के कार्यालय में वार्ता के लिए गई है धारा 144 का उल्लंघन हुआ है और दोनों पक्षों पर कार्रवाई की जाएगी उधर ग्रामीण सुभाष महतो का कहना है की बीसीसीएल प्रबंधन के द्वारा दस दिन का समय लिया गया है अगर दस दिनों के अन्दर बीसीसील प्रबंधन रैयतो की मांग पर बिचार नही करती है तो ग्रामीण फिर से उग्र आन्दोलन करने के लिए वाध्य होगी |